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शुभ-अशुभ मुहू्र्त 16 अप्रैल: क्या कहता है आज का पंचाग, किस समय कौन से काम करना होगा शुभ

आज का दिन बहुत ही खास संयोग लेकर आ रहा है। शुक्रवार होने के साथ-साथ प्रदोष व्रत का पड़ रहा है। जिसके कारण भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करना फायदेमंद साबित हो सकता है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से आज किस दिशा में जाना होगा शुभ साथ ही जानें और किस काम के लिए आज का दिन शुभ है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 16, 2018 15:03 IST
पंचांग- India TV Hindi
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धर्म डेस्क: आज का दिन बहुत ही खास संयोग लेकर आ रहा है। शुक्रवार होने के साथ-साथ प्रदोष व्रत का पड़ रहा है। जिसके कारण भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करना फायदेमंद साबित हो सकता है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से आज किस दिशा में जाना होगा शुभ साथ ही जानें और किस काम के लिए आज का दिन शुभ है।

सोमवार दिनांक 16.04.18 को वैसाख मास की अमावस्या मनाई जाएगी। दक्षिण भारत में अमावस्यांत पंचांग के अनुसरण करने वाले वैशाख अमावस्या को शनि जयंती के रूप में भी मनाते हैं। पौराणिक किवदंती के अनुसार कालांतर में धर्मवर्ण नामक ब्राह्मण ने ईश्वर भक्ति के करण सांसारिकता से विरक्त होकर सन्यास ले लिया।

एक दिन भ्रमण करते-करते वह पितृलोक जा पंहुचा, जहां उसके पितृ बहुत कष्ट में थे। पितृओं ने अपनी इस दुर्दशा का करण धर्मवर्ण के सन्यास को बताया। धर्मवर्ण के सन्यास के कारण उनकी वंशज प्रणाली समाप्त होने के करण पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। पितृओ की आज्ञा का पालन करते हुए धर्मवर्ण ने गृहस्थ जीवन की शुरुआत कर संतान उत्पन्न की व वैशाख अमावस्या पर विधि-विधान से पितृओं का पिंडदान कर उन्हें मुक्ति दिलाई। 

सोमवार होने के कारण यह अमावस्या सोमवती कहलाएगी। सोमवती अमावस्या को शास्त्रों ने अमोघ फलदायनी कहा है। मत्स्यपुराण के अनुसार पितृओं ने अपनी कन्या आच्छोदा के नाम पर आच्छोद नामक सरोवर का निर्माण किया था। इसी सरोवर पर आच्छोदा ने पितृ नामक अमावस से वरदान पाकर अमावस्या पंचोदशी तिथि को पितृओं हेतु समर्पित किया।

​ शास्त्रनुसार इस दिन कुश को बिना अस्त्र शस्त्र के उपयोग किए उखाड़ कर एकत्रित करने का विधान है। अतः इस दिन एकत्रित किए हुए कुश का प्रभाव 12 वर्ष तक रहता है। यह दिन पितृ के निमित पिण्डदान, तर्पण, स्नान, व्रत व पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थ के नदी-सरोवरों में तिल प्रवाहित करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

इस दिन मौन व्रत रखने से सहस्र गोदान का फल मिलता। सोमवती अमावस्या पर शिव आराधना का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागने पति की दीर्घायु के लिए पीपल में शिव वास मानकर अश्वत का पूजन कर परिक्रमा करती हैं। आज के विशेष पूजन से सर्वार्थ सफलता मिलती है, पितृ दोष से मुक्ति मिलती है तथा सुहाग की रक्षा होती है।

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