धर्म डेस्क: यह बात किसी से छिपी नहीं है कि हर महीने अमावस्या आती है, इस महीने अधिक मास अमावस्या है। कल यानि 13 जून को अधिकमास की अमावस्या है। इस अमावस्या का एक खास महत्व है। इस खास दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए कई उपाय किये जाते हैं। शास्त्र के मुताबिक यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि पितृ दोष को दूर करने के लिए कई उपाय भी किये जाते हैं। अधिक मास की अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करने से पितृगण खुश होते हैं।
माना जाता है कि पीपल में पितरों का वास होता है। इसलिए अधिक मास की अमावस्या पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। अधिक मास की अमावस्या पर अपने पितरों का स्मरण कर गाय को हरा चारा खिलाएं इससे भी पितृ प्रसन्न व तृप्त हो जाते हैं।
अमावस्या के दिन चांदी की धातु से बना हुआ एक नाग लें और सुबह नहाने के बाद किसी आस-पास के शिव मंदिर में जायें। वहां जाकर शिवलिंग पर चांदी का नाग चढ़ाएं। फिर वहीं पर जमीन में आसन बिछाकर बैठ जायें और महामृत्युंजय मंत्र का 11, 21, 51 अपनी इच्छानुसार जाप करें।
मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए आज अधिक मास अमावस्या के दिन थोड़े-से सफेद फूल, बताशे, चावल थोड़ा-सा कच्चा दूध लेकर बहते पानी में प्रवाहित करें और 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का 11 बार जाप करें।
घर-गृहस्थी में सुख-शांति के लिए आज के दिन आटे में तिल मिलाकर रोटी बनाएं और उस पर गुड़ रखकर गाय को खिलाएं। आपके परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।
अमावस्या का दिन पितरों का माना जाता है। अतः आज के दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिये दूध और चावल की खीर बनाएं, फिर गाय के गोबर से बने कंडे या उपले की कोर बनाकर, उस पर खीर का भोग लगाएं और उसके दाहिनी तरफ थोड़ा-सा पानी लेकर छोड़ दें।
अगर आप खीर का भोग नहीं लगा सकते, तो सुबह के समय घर में जो भी शुद्ध ताजा खाना बनाएं, उसका भोग लगा दें, साथ में थोड़ी सी चीनी भी रख दें। ऐसा करने से पितरों की कृपा आप पर बनी रहेगी और आपके काम अच्छे से पूरे होंगे।