आज मंगलवार का दिन है और मंगलवार का संबंध हनुमान जी अतः आचार्य इंदु प्रकाश से जानें हनुमान जी से संबंधित एकादशमुखी यानि 11 मुखी रुद्राक्ष के बारे में | इस एकादश रुद्राक्ष को धारण करके हम किस प्रकार जीवन में लाभ पा सकते हैं और चीज़ों को अपने लिये आसान बना सकते हैं, साथ ही 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
एक बार फिर से याद दिला दूं कि जिस रुद्राक्ष के दाने पर 11 धारियां या लाइन्स पड़ी होती हैं, वह 11 मुखी, यानी एकादशमुखी रुद्राक्ष कहलाता है | इस एकादश रुद्राक्ष का आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है | 11 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्रावतार हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है | साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि इस रुद्राक्ष में ग्यारह रुद्रों की शक्ति भी विद्यमान है |
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11 मुखी रुद्राक्ष पहनने के लाभ
पद्मपुराण के अनुसार 11 मुखी रुद्राक्ष के धारक को हनुमान जी के जैसे गुण प्राप्त होते हैं | इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है, उसकी बौद्धिक क्षमता और शारीरिक बल में वृद्धि होती है | साथ ही वाणी में कुशलता आती है | इसके अलावा किसी तरह की संधि वार्ता के दौरान भी 11 मुखी रुद्राक्ष बेहद फायदेमंद है | मुखी रुद्राक्ष को सुख-समृद्धि का कारक भी माना जाता है | इसे धारण करने से या घर में रखने से सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है और काम बिना किसी बाधा के सरलता से पूरे हो जाते हैं|
महाशिवपुराण के अनुसार इस 11 मुखी रुद्राक्ष को अपनी शिखा, यानी बालों में बांधने से या गले में धारण करने से उच्च पद की प्राप्ति होती है और व्यक्ति राजा के समान सुख भोगता है | साथ ही जिन लोगों को सिरदर्द, बार-बार चक्कर आने, याद्दाश्त कमजोर होने या लगातार जुकाम की शिकायत रहती है, उन लोगो को भी शिखा में 11 मुखी रुद्राक्ष पहनने से फायदा मिलता है, लेकिन हर किसी के लिये शिखा, यानी बालों में रुद्राक्ष पहनना संभव नहीं है, अतः वो लोग अपने गले में भी 11 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं |
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आपको बता दें कि 11 मुखी रुद्राक्ष को इन्द्र देव का आशीर्वाद भी प्राप्त है | ये रुद्राक्ष सभी ग्यारह इन्द्रियों, यानी पांच कर्मेंन्द्रियों, पांच ज्ञानेन्द्रियों और मन पर अधिकार दिलाता है | साथ ही ये रुद्राक्ष भाग्य को बढ़ाने वाला है | इस 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के अंदर नेतृत्व गुणों का विकास होता है, यानी ये व्यक्ति को नेतृत्व की क्षमता प्रदान करता है |
जानें अन्य किन रुद्राक्ष के संयोग में इसे पहनने से फायदे के फायदों के बारे में
अगर 11 मुखी रुद्राक्ष को 3, 5, 10 और 12 मुखी रुद्राक्ष के एक-एक दाने के साथ संयोग बनवाकर पहना जाये, तो इससे नवग्रह शांति होती है, यानि अगर आपका कोई ग्रह ठीक नहीं चल रहा है, तो इसके लिये 11 मुखी के साथ 3, 5, 10 और 12 मुखी रुद्राक्ष का संयोग धारण करना बहुत लाभकारी होगा | इससे नवग्रह शांति के साथ ही व्यक्ति के अंदर आशा और आत्मविश्वास भी जागता है |
जिन लोगों को अपने सुख-साधनों को खो जाने का डर रहता है या जिन्हें हर पल किसी अनहोनी की आशंका रहती है या जो लोग अकेलेपन से डरते हैं, उन लोगों को 9 मुखी,
10 मुखी और 11 मुखी रुद्राक्ष को एक साथ धागे में पिरोकर गले में धारण करना चाहिए इससे आपको किसी भी चीज़ का डर नहीं सतायेगा |
11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में
रुद्राक्ष धारण करने के लिये वैसे तो सोमवार का दिन विशेष शुभ माना जाता है, लेकिन 11 मुखी रुद्राक्ष का संबंध हनुमान जी से है | इसलिये किसी भी मंगलवार के दिन आप इसे धारण कर सकते हैं | रुद्राक्ष को धारण करने के लिये लाल धागे का उपयोग करना चाहिए | 11 मुखी रुद्राक्ष के दाने को सुमेरू के रूप में पांच मुखी रुद्राक्ष की माला में लगाकर भी धारण किया जा सकता है, बस किसी भी रूप में इसे धारण करने से पहले इसकी विधिवत पूजा जरूर कर लेनी चाहिए | इसके लिये रुद्राक्ष को गंगाजल से स्नान कराएं और उसे धूप-दीप दिखाएं | साथ ही उस पर थोड़ा-सा चंदन लगाएं और सफेद फूल चढ़ाएं | उसके बाद शिव जी की मूर्ति, तस्वीर या शिवलिंग से रुद्राक्ष को स्पर्श कराकर उस पर पंचाक्षरी मंत्र का 11 बार जप करें | मंत्र है –
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इसके अलावा विभिन्न शास्त्रों के हिसाब से 11 मुखी रुद्राक्ष पर मंत्रों के जप की बात की जाये, तो-
शिव पुराण के अनुसार- ॐ ह्रीं हुं नमः।
मंत्र महार्णव के अनुसार- ऊँ श्रीं नमः।
पद्मपुराण के अनुसार- ऊँ श्रीं
इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र –
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
इस प्रकार मंत्रों का जप करके आप रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते हैं और उसके बाद उसे धारण कर सकते हैं |