वट सावित्री व्रत को सुहागिन महिलाओं का महापर्व माना जाता है। इस बार 6 जून को वट सावित्री का व्रत पड़ रहा है। व्रत वाले दिन खास प्रसाद बनाया जाता है। घरों में कई तरह के पकवान और भोजन बनाए जाते हैं। व्रत रहने वाली सुहागिन महिलाएं सुबह स्नान करके व्रत का प्रसाद बनाती हैं और दूसरे व्यंजन तैयार करती हैं। इसके बाद बरगद के पेड़ की परिक्रमा की जाती है और वहीं पूजा की सामग्री और प्रसाद को चढ़ाया जाता है। पूजा के बाद महिलाओं को व्रते के लिए तैयार गुड़ और आटे से बने बरगद जैसी शेप के प्रसाद को ही खाना होता है। कुछ महिलाएं इस दिन सिर्फ फलाहार करती हैं और कई जगहों पर मीठी पीड़ियां खाई जाती हैं। जानिए कैसे बनाते हैं वट सावित्री व्रत का खास प्रसाद?
वट सावित्री व्रत का खास प्रसाद कैसे बनाते हैं?
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आटे और गुड़ से इस प्रसाद को तैयार किया जाता है। सबसे पहले गेहूं का साफ शुद्धा आटा छान लें।
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इसके बाद किसी बर्तन में गुड़ या फिर चीनी का घोल बनाकर तैयार कर लें।
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आटे में थोड़ा देसी घी का मोयन डाल दें, जिससे कोई भी पकवान एकदम मुलायम बनता है।
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अब चीनी या गुड़ के घोल को डालते हुए रोटी से थोड़ा सख्त आटा गूंथकर तैयार कर लें।
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आटे में आप थोड़ा नारियल पाउडर और इलाइची भी स्वाद बढ़ाने के लिए मिला सकते हैं।
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इस आटे से एक छोटी बॉल जैसी बनाकर मोदक जैसी शेप में तैयार कर लें।
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इन्हें बरगद के फल के प्रतीक के तौर पर तैयार किया जाता है और पूजा में चढ़ाए जाते हैं।
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पूजा में बरगद पर चढ़ाने के लिए 7 और 7 खाने के लिए बनाए जाते हैं।
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बाकी बचे आटे से आप मीठी पूड़ी बना सकते हैं जिन्हें दिनभर में खा सकते हैं।
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अगर आप व्रत में अन्न नहीं खाते हैं तो आप इन्हें बनाकर रख सकते हैं ये पूरियां खराब नहीं होंगी।