महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को है। इस दिन ज्यादातर लोग व्रत रखते हैं। कुछ लोग आस्था और विश्वास के चलते उपवास करते हैं वहीं कुछ डाइटिंग और पतला होने के चक्कर में भी व्रत रख लेते हैं। हालांकि व्रत वाले दिन ज्यादातर लोग ऑयली और मीठा खाना खाते हैं। जिससे वजन कम होने की बजाय बढ़ जाता है। अगर आप व्रत में कुछ तला भुना नहीं खाना चाहते हैं तो हम आपको बड़ी सिंपल और बिना तेल वाली एक स्पेशल रेसिपी बता रहे हैं। जिसे आप व्रत में आसानी से खा सकते हैं। खासतौर से शिवरात्रि के व्रत में सिंघाड़े के आटे की कतली बनाकर खाई जाती है। इसे बनाने में बिल्कुल भी ऑइल नहीं लगता। सिंघाड़े के आटे की बर्फी को खाने के बाद अच्छी तरह से पेट भर जाता है और गैस या जलन जैसी समस्या नहीं होती है। जान लें सिंघाड़े के आटे की कतली बनाने की रेसिपी।
सिंघाड़े की कतली बानाने के लिए साम्रगी
आपको इसके लिए करीब एक कटोरी सिघाड़े का आटा लेना है और साथ में 1-2 चम्मच देसी घी चाहिए। मीठा करने के लिए चीनी या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें स्वाद के लिए 1-2 इलाइची पीसकर मिला सकते हैं।
सिंघाड़े की कतली बनाने की रेसिपी
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सबसे पहले एक भारी तली की कड़ाही लें और उसमें 1 चम्मच घी डालकर सिंघाड़े के आटे को हल्का भून लें।
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आपको सिंघाड़े के आटे को मीडियम फ्लेम पर हल्का गुलाबी होने तक ही भूनना है।
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अब गैस बंद कर दें या फिर फ्लेम धीमी कर दें। आटे को किसी बाउल में निकाल लें और हल्का ठंडा होने दें।
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जब आटा थोड़ा ठंडा हो जाए तो उसमें करीब 1 गिलास पानी मिलाकर घोल जैसा तैयार कर लें।
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अब कडाही में इस घोल को डालें और लगातार चलाते रहें क्योंकि ये एकदम गाढ़ा होने लगता है और गांठ पड़ जाती हैं।
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आप चाहें तो पानी और भी बढ़ा सकते हैं। आटे से तीन गुना पानी लेना है।
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इसी बीच आपको चीनी भी डाल देनी है और इसे लगातार करीब 4-5 मिनट चलाते रहें।
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जब गाढ़ा हलवा जैसा बन जाए और लगे कि कड़ाही से अलग होने लगा है तो गैस बंद कर दें।
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अब एक थाली में अच्छी तरह से घी लगा दें और फिर इसमें हलवा को फैलाकर एक समान कर लें।
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हल्का ठंडा होने दें और फिर चाकू से अपनी पसंद के आकार में बर्फी को काट लें।
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आप चाहें तो जब गैस बंद कर रहे हों तो इसमें बचा 1 चम्मच घी भी मिक्स कर दें।
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तैयार हैं सिंघाड़े की स्वादिष्ट कतली जिन्हें आप दही या दूध के साथ खा सकते हैं।
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इसे खाने से अच्छी तरह पेट भर जाता है और आप ज्यादा ऑयली खाने से भी बच जाते हैं।
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