गोवर्धन पूजा में कढ़ी चावल का बेहद महत्व है। इस रेसिपी के बिना यह पूजा अधूरी मानी जाती है। लोग कढ़ी को बनकर कृष्ण भगवान को इसका भोग लगाते हैं। भगवान को भोग लगाया जाता है इसलिए कढ़ी में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। तो साथ ही कढ़ी चावल यह एक ऐसा कॉम्बिनेशन है जिसका स्वाद शायद ही किसी को पसंद न आए। गर्मी, सर्दी हो या बरसात हर मौसम में कढ़ी चावल का स्वाद लाजवाब लगता है। तो चलिए हम आपको बताते हैं आप बिना प्याज लहसुन के यह रेसिपी कैसे बनाएं?
कढ़ी बैटर के लिए सामग्री:
1.5 कप दही, 1/4 कप बेसन, 1 चम्मच नमक, 1/4 छोटा चम्मच हल्दी। 1/2 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 3 कप पानी (सभी चीजों को मिलाकर मुलायम घोल बना लें)
कढ़ी तड़का के लिए सामग्री:
1 बड़ा चम्मच तेल, 1/2 छोटा चम्मच सरसों, 1/2 छोटा चम्मच जीरा, 1/4 छोटा चम्मच मेथी दाना, 1/2 छोटा चम्मच सौंफ, 2 हरी मिर्च, दो भागों में कटी हुई, 2 लौंग, 2 तेज पत्ते, 1/4 छोटा चम्मच हींग, 10-12 करी पत्ते
बूंदी कढ़ी बनाने की विधि:
बूंदी कढ़ी बनाने के लिए सबसे पहले 1।5 कप दही में 1/4 कप बेसन मिलाएं। एक कड़ाही में तेल गरम करें और सरसों, लौंग, मेथी दाना, जीरा, हरी मिर्च, हिंग, करी पत्ता, लाल मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर को डालें और 20-25 सेकंड तक भूनें। उसके बाद दही-बेसन का घोल डालें और इसे लगातार चलाते हुए अच्छे से पकाएं। मिश्रण को लगातार चलाते हुए उबाल आने तक पकाएं। आंच को मध्यम धीमी आंच पर कर दें और मिश्रण को 25-30 मिनट तक पकाएं। बीच-बीच में हिलाते रहें। फिर धनिया पाउडर, नमक और गरम मसाला डालें। अब इसमें 1 कप सूखी बूंदी, 1 चम्मच कसूरी मेथी डालकर मिलाएं। अब एक पैन में 1-2 बड़े चम्मच घी गर्म करें और उसमें 2 सूखी लाल मिर्च और 1 छोटा चम्मच कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर के तड़के के साथ फिनिशिंग टच दें। कुछ धनिये की पत्तियों से गार्निशं करें और चावल के साथ परोसें।