छाछ को लगभग हर कोई पीना पसंद करता है। कई लोग खाने के साथ इसे खाने के साथ ज़रूर पीते हैं। छाछ को पीने से हाज़मा सही होता है इसलिए ज़्यादातर लोग इसे खाने के साथ पीते हैं। लेकिन क्या आपको पता है अगर इस छाछ में एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी त्रिफला का चूर्ण मिला दें तो ये कब्ज और बदहजमी दोनों को एक साथ कंट्रोल करने का काम करती है। जानें त्रिफला छाछ तैयार करने का तरीका और इसके फायदे।
त्रिफला छाछ बनाने के लिए जरूरी चीजें
- छाछ
- चीनी
- पिसा हुआ पुदीना
त्रिफला चूर्ण बनाने का तरीका-
त्रिफला छाछ को बनाने के लिए सबसे पहले आप भीगे हुए त्रिफला चूर्ण को लें। यानी कि आपको त्रिफला चूर्ण को थोड़ी देर पहले पानी मिलाकर रख दें। अब इस भीगे हुए त्रिफला चूर्ण को एक गिलास छाछ में मिलाएं। इसके बाद इसमें पिसा हुआ थोड़ा पुदीना, काला नमक और स्वादानुसार चीनी मिलाएं। इसे अब फ्रिज में थोड़ी देर के लिए रख दें।
जानें कब पीएं?
त्रिफला छाछ को रोजाना सोने से पहले पिएं। रोजाना रात के समय त्रिफला छाछ पीने से आपका पेट साफ हो जाएगा। साथ ही आपको कब्ज और बदहजमी की परेशानी से भी छुटकारा मिल जाएगा।
इन समस्याओं में कारगर है त्रिफला छाछ
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है: त्रिफला छाछ कब्ज और पाचन दोनों के लिए बेहतरीन है। इसके साथ ही इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी काफी कम करता है और फैट को करने में मदद करता है।
- कब्ज में देता है आराम: त्रिफला छाछ कब्ज में राहत दिलाने का काम करता है। जिन लोगों को कब्ज और बदहमजी की परेशानी है वो लोग इसे सोने से पहले जरूर पीएं।
- वजन करे कंट्रोल: खाना खाने के बाद त्रिफला छाछ पीने से फैट पर तेजी से असर दिखाता है। ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसके साथ ही वजन को संतुलित रखने में भी मदद करता है।