Radish benefits for piles: बवासीर की समस्या में लोगों को मल त्याग करने में दर्द होता है। इतना ही नहीं कई बार मूत्रशाय में इतनी ज्यादा सूजन हो जाती है कि लोगों का बैठना मुश्किल हो जाता है। साथ ही मल सूख जाता है जिससे ये समस्या और बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में डाइट में फाइबर को शामिल करना आपको इस समस्या से बचाव में मदद कर सकता है। फाइबर से भरपूर एक ऐसी चीज है मूली। मूली का सेवन बवासीर में मेटाबोलिज्म को तेज करता है और बॉवेल मूवमेंट को बेहतर बनाता है। इससे कब्ज की समस्या कंट्रोल में रहती है। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं। जानते हैं विस्तार से।
बवासीर में मूली कैसे खाएं- How does radish cure piles in hindi
बवासीर में आपको रोज 1 कच्चा और पूरा मूली खाना है। आप इसको नमक के साथ आराम से खा सकते हैं या फिर आप इसे सलाद के रूप में खा सकते हैं। इत तरह से मूली खाना आपके लिए कई प्रकार से काम कर सकता है। कैसे, जानते हैं।
चेहरे पर काले दाग-धब्बों से हैं परेशान? इन 3 तरीकों से इस्तेमाल करें लेमन ग्रास
1. लैक्सेटिव का काम करता है मूली
लैक्सेटिव (Laxative) असल में मूली का वो गुण है जो कि कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। दरअसल, मूली में अघुलनशील कार्बोहाइड्रेट के साथ रफेज की अच्छी मात्रा होती है जो कि मल में थोक जोड़ने का काम करता है, मल को मुलायम बनाता है और कब्ज को सही करने में मदद करता है।
2. पाचन तंत्र में पानी बनाए रखता है मूली
मूली का फाइबर पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है। इससे आपके आंत में हाइड्रेशन बनी रहती है और बॉवले मूवमेंट सही रहता है। साथ ही ये मेटाबोलिक रेट को बढ़ाता है और पाचन क्रिया को सही करता है। इससे अलावा मूली का एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मूत्राशय के सूजन को दूर करता है जिससे आपको दर्द में भी आराम महसूस हो सकता है।
बालों में लगाएं गुलमेंहदी का तेल (Rosemary oil), सफेद बाल और हेयर फॉल जैसी समस्याओं से मिलेगा छुटकारा
तो, इस तरह मूली आपके पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है जो कि बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। तो, अगर आपको बवासीर है तो आज से ही अपनी डाइट में मूली को शामिल कर लें।