रौशनी का त्यौहार दीपावली हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। त्यौहार के कुछ दिन पहले से ही बाज़ारों में इसकी धूम देखते बनती है। दिए की जगमगाहट, रंगोली की छटा और इस त्यौहार की मिठाइयां सबसे ख़ास होती हैं। घर के बने पकवान और दुकानों की मिठाइयों के बिना तो हम किसी फेस्टिवल की कल्पना ही नहीं कर सकते। ऐसे में दिवाली से लेकर भाई दूज, धनतेरस, तुलसी विवाह और छठ पूजा तक मार्केट में मिठाइयों की बिक्री देखते ही बनती है। मिठाइयां ज्यादातर मावा से बनाई जाती हैं, चूँकि त्यौहारों में ये बहुत ज़्यादा बिकती हैं, ऐसी में उनकी खपत भी ज़्यादा होती है। जिस वजह से इस दौरान मिलावटी मावा खूब की खूब बिक्री होती है। अब ऐसे में इसका पूरा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। हालात तो कई बार ऐसे हो जाते हैं कि ज़्यादा खाने से लोगों की तबियत खराब हो जाती हैं। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं नकली मावा की पहचान कैसे करें और असली मावा को कैसे पहचाने।
इन चीज़ो से बनता है नकली मावा
नकली मावे में सस्ती मिल्क पाउडर, टेलकम पाउडर, चूना, चॉक और सफेद केमिकल्स जैसी खतरनाक चीजों से तैयार किया जाता है। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए मामूली वॉशिंग पाउडर, रिफाइंड तेल, पानी और शुद्ध दूध मिलाकर मावा तैयार किया जाता है। कुछ जगह पर मावे का वजन बढ़ाने के लिए आलू और स्टार्च भी मिलाया जाता है।
ऐसे करें असली मावे की पहचान
- आप असली मावा की पहचान उसे टेस्ट कर भी कर सकते है। इसके लिए थोड़ा सा मावा लेकर चखें। अगर इसका स्वाद कसैला है तो वह नकली है।
- थोड़ा सा मावा हाथ में लें और इसकी गोली बनाएं। अगर ये फटने लगें तो समझ लीजिए कि ये नकली है। इसके अलावा खोया की गोली बनाने पर अगर वह फटने लगे तो समझ जाएं कि मावा मिलावटी है।
- करीब 2 ग्राम खोए को 5 मिलीलीटर गरम पानी में घोल लें और थोड़ी देर ठंडा होने के बाद इसमें आयोडीन सॉलूशन डालें। अगर खोया नकली होगा तो इसका रंग नीला होने लगेगा।
- मावे में थोड़ी सी चीनी मिलाकर गर्म करें। अगर वह पानी छोड़ने लगे तो मतलब मावा नकली है।
- जब आप मावा ले रहे है। जो थोड़ा सा मावा लेकर अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़ें। अगर वह असली होगा तो घी कि महक काफी देर तक आएगी।
- असली मावा मुंह में नहीं चिपकता, जबकि नकली मावा मुंह में चिपक जाता है।