नई दिल्ली: प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति के लोग हाथ से खाना खाना बहुत ही पसंद करते हैं। लेकिन पाश्चात्य संस्कृति का हमारी संस्कृति पर इतना व्यापक प्रभाव पड़ा हैं कि हमने हाथ से खाना ही छोड़ दिया हैं और वेस्टर्न संस्कृति की ही तरह खाने के लिए कांटे और चम्मच का प्रयोग करते हैं। लेकिन काँटे और चम्मच का प्रयोग कर भोजन का सेवन करने वाले व्यक्ति इस बात से अनजान हैं कि हाथ से खाना खाने के भी बहुत से फायदे हैं। जिनकी चर्चा आज हम करेंगे।
आज के समय में अधिकतर लोग चम्मच से खाना खाना पसंद करते है। लेकिन आयुर्वेदिक की माने तो यह किसी भी रूप में सही नहीं है। लोग दाल बाटी जैसा परंपरागत खाना भी चम्मच से खाते है जो कि सही नहीं है। ऐसे में आज हम आपको हाथ से खाना खाने के कुछ फायदें बताने जा रहे है जो जो कि आपके लिए काफी लाभदायक साबित हो सकते है।
आयुर्वेद के अनुसार हाथों की प्रत्येक अंगुली पांच तत्वों का विस्तार है अग्नि, वायु ,आकाश ,पृथ्वी और जल। हम हाथ से खाना खाते हैं तो उंगली और अंगूठे को मिलाकर खाना खाते हैं जिससे हस्तमुद्रा बनती हैं ,इससे निरोगी काया पाने में भी मदद मिलती है।
जब हम खाना चम्मच से खाते हैं तो खाने का तापमान हमें समझ नहीं आता है और कभी-कभी बहुत गरमा गरम खाने से जीभ भी जल जाती है लेकिन जब अपने हाथों से खाते हैं तो अंगुलियां भोजन के तापमान को महसूस कर लेती है और मस्तिष्क को एक संकेत मिल जाता है। फिर मस्तिष्क भोजन को बेहतर ढंग से स्वाद देने में मदद करने के लिए उपयुक्त पाचन रस और एंजाइम को स्रावित करता है, जिससे कि खाना भी अच्छे से पांच जाता है।
कांटे और छूरी से खाना खाना हमारी सभ्यता का हिस्सा कभी नहीं था। प्राचीन काल में योगी, मुनि ,आम जनता सभी हाथ से ही खाना खाते थे, जिससे कि सभी स्वस्थ और लंबे समय तक जीवित रहते थे।
आज भी अफ्रीका, मिडलईस्ट और एशिया के कई इलाकों में स्वास्थ रहने के लिए खाना हाथ से ही खाया जाता हैं। खाने के लिए हाथों का उपयोग करना भोजन के साथ-साथ शरीर, मन और आत्मा के साथ भी एक संबंध जोड़ता है।(Recipe: ऐसे बनाएं टेस्टी और सेहतमंद गोंद के लड्डू)
हाथ से खाना खाने और खिलाने में भावना का आदान-प्रदान होता है। हाथ से खाना खाने पर एक अलग ही तृप्ति और आनंद मिलता है। अतः आप चम्मचों को त्याग कर हाथ से खाना खाने की प्रवृत्ति अपना लें। इन्हीं सब को आगे बढ़ाते हुए बेंगलुरू के रेस्ट्रॉ ने नायाब तरीका निकाला है। बेंगलुरू के ज्यादातर रेस्ट्रॉ खाना परोसते वक्त कांटे और चम्मच देते ही नहीं है ताकि लोग खाते वक्त हाथ का इस्तेमाल करें और खाने का भरपूर आनंद लें।(Recipe: ऐसे बनाएं लाजवाब मसालेदार टिंडे)