रोजा रखने से स्वास्थ्य संबंदी समस्या हो सकती हैं। चिकित्सा अधिकारी दीपक पराशर ने इस संबंध में कुछ सुझाव दिए हैं कि कैसे रोजा बरकरार रखा जा सकता है :
मधुमेह से पीड़ित लोगों के शरीर में रोजे के दौरान ग्लूकोज का स्तर कम या ज्यादा होने का जोखिम रहता है। असमय भोजन और दवाओं के अनुचित सेवन से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है और इससे हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, जिससे कमजोरी और कमजोरी, चक्कर या मूर्छा आना जैसी समस्या हो सकती है।
उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को समय पर दवाईयां लेनी पड़ती है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर गंभीर प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। रमजान के दौरान सख्त नियम रोजे की अवधि में दवा या पानी के सेवन की अनुमति नहीं देते। उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए इस तरह के बदलाव नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। थायराइड से पीड़ित जो लोग नियमित रूप से दवाई लेते हैं, उनके लिए अनुचित या असमय दवाईयां लेने से शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, इसलिए दवाईयां लेना नहीं छोड़ें।
गर्म मौसम में देर तक भूखा-प्यासा रहने से स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्या जैसे डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे कमजोरी, सिरदर्द हो सकता है। देर तक खाली पेट रहने से पेट में दर्द, पेट का फूल जाना, गैस बनना जैसी समस्या हो सकती है, इससे बचने के लिए 'सहरी' के अपने हिस्से को नहीं छोड़ें।
रोजे के दौरान सेवन किए जाने वाले भोजन आमतौर पर वसा से भरपूर और ज्यादा तले-भुने होते हैं, इससे जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल की पहले से समस्या है, उनमें इसका स्तर बढ़ सकता है और हृदय संबंधी समस्या हो सकती है। हर कोई लंबी अवधि तक भूखा-प्यासा रहने में सक्षम नहीं होता। देर तक भूखा-प्यासा रहने से कई लोगों में कमजोरी हो सकती है।