आमतौर पर दही को लोग योगर्ट और प्रोबायोटिक बोल देते हैं। लोगों का मामना है कि सभी एक ही प्रोडक्ट हैं। भारत में दही बोला जाता है और विदेश में इसे योगर्ट बोला जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि यह तीनों चीजें अलग-अलग होती हैं। इन्हें अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है। जानिए इनके बारे में विस्तार से।
दही
दही को आसानी से हर कोई जमा लेता है। आमतौर पर दूध को उबालकर हल्का ठंडाकर इसमें एक चम्मच दही डाला जाता है। दही में लैक्टोबैसिलस नामक गुड बैक्टीरिया होता है। जो पूरे दही में फैल जाता है और दही बन जाता है। अगर आपका दही सही से जमा है तो समझ लें कि इसमें लैक्टोबैसिलस काफी अच्छे है। आपको बता दें कि लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इसलिए दही का सेवन करने से आप की बीमारियों से लाभ मिलता है।
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योगर्ट
योगर्ट को भी दही की तरह की जमाया जाता है। लेकिन इसमें दो और बैक्टीरिया मिलाए जाते हैं। जिन्हें लैक्टोबैसिलस बुल्गारिस और स्ट्रेप्टोकॉकस थर्मोफिलस कहा जाता है। यह बैक्टिरिया आमतौर पर वैज्ञानिक, कंपनी आदि अपने लैंब में बनाते हैं। इसके अलावा लैक्टिक एसिड वाले बैक्टीरिया मिलाए जा सकते हैं। दही बनाने में इस्तेमाल होने वाला लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया लैक्टिक एसिड वाला ही बैक्टीरिया होता है। इसके बैक्टीरिया आंत में जिंदा पहुंचने के चांसेस ज्यादा होता है। जिसके कारण यह दही से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इसमें दही के मुकाबले अधिक प्रोटीन भी होती है।
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प्रोबायोटिक
अब मार्केट में प्रोबायोटिक भी काफी बिकने लगना है। जिसके कारण लोग काफी उलझ गए है कि अब ये नई क्या बला है। आपको बता दें कि प्रोबायोटिक योगर्ट लाइव बैक्टीरिया से बनता है। जो सभी से काफी मजबूत होता है। इसका सेवन करने के बाद यह हमारे पेट और पचाने वाले एसिड से लड़कर आंत तक जिंदा पहुंचाता है। जिससे यह हमारी आंत को मजबूत रखकर शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है। जब किसी चीज में लाइव बैक्टीरिया एक सही मात्रा और तरीके से मिलाया जाता है तो वह प्रोबायोटिक योगर्ट, प्रोबायोटिक मिल्क या प्रोबायोटिक ड्रिंक कहलाता है।