सावन Sawan के महीने में भारत के कई हिस्सों जैसे राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में घेवर खाने और खिलाने की परंपरा है। हरियाली तीज hariyali teej 2019 के मौके पर खासकर बेटियों के ससुराल में घेवर का सिंदारा भिजवाया जाता है। सावन में घेवर बनाना है तो यहां विधि देख लीजिए। मेहमान तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे।
सामग्री
मैदा – 250 ग्राम,
दूध – 50 ग्राम,
घी – 50 ग्राम,
बर्फ– थोड़ा सा,
घी/तेल – तलने के लिये
चाशनी बनाने के लिये-
शक्कर – 400 ग्राम,
पानी – 200 ग्राम।
कैसे बनाएं घेवर
सबसे पहला काम करें कि एक बर्तन में घी लेकर उसमें बर्फ के कुछ टुकड़ें डालें और उसे हाथ से अच्छी तरह फेंट लें।अब इसमें दूध और मैदा मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। ध्यान रहे कि इस क्रिया में अच्छी तरह फेंटना ही जरूरी है क्योंकि इससे ही अच्छा बेटर बनता है। इस बेटर में जरा सी भी गुठली नहीं रहनी चाहिए और घोल बिलकुल क्रीम की तरह एक जैसा होना चाहिए। बेटर इतना पतला हो कि चम्मच में लेकर बर्तन में डालें तो एकसार होकर धार की तरह गिरे। आपका पहला पड़ाव तैयार हो गया है।
अब बेटर तैयार होने पर एक पतला लेकिन मोटे तले के गहरे बर्तन में घी डालें औऱ गर्म करें। घी गर्म होने पर बड़े चम्मच में मैदे का घोल लेकर भगोने में गोलाई से गिराएं। बैटर को इस तरह फैलाकर गिराए कि एक परत सी बन जाए। अब उसमें बबल आने तक इंतजार करें और उसके ऊपर फिर एक बार बेटर फैलाकर डालें। इस तरह तीन से चार बार लेयर बना लें।
अब चाकू या किसी चम्मच की मदद से इस प्लेट जैसे दिख रहे बेटर में बीचों बीच छेद कर दें। अब इसे अच्छी तरह सुनहरा होने तक सेंक लें।
दूसरी तरफ चाशनी तैयार कर लीजिए। चाशनी बनाना आसान है। चीनी और पानी को तब तक उबालिए जब तक दो तार की चाशनी तैयार न हो जाए। ध्यान दीजिए चाशनी ज्यादा गाढ़ी नहीं होनी चाहिए इससे घेवर में मिठास अंदर तक नहीं पहुंच पाएगी।
अब सिके हुए घेवर को किसी बड़े बर्तन में रखकर उसके ऊपर अच्छे से चाशनी डाल दें। 15 मिनट बाद घेवर को निकाल कर किसी अल्यूमिनियम के छेददार बर्तन में रख दीजिए ताकि अतिरिक्त चाशनी निकल जाए।
अब इसके ऊपर मलाई या राबड़ी की परत बिछा दीजिए और पिस्ता बादाम छिड़क दीजिए। आपका मीठा सा घेवर तैयार है।