आजकल मिलावाट और अलसी- नकली की पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है। खासकर खाने-पीने की चीजों में। दूध से लेकर मसालों तक यहां तक की तेल में भी मिलावट होने लगी है। ऐसे में आज हम बात करेंगे भारतीय किचन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले सरसों तेल के बारे में। सरसों का तेल खाने से लेकर शरीर के दर्द से बचाव के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन अगर आप शुद्ध सरसों तेल के जगह मिलावटी सरसों तेल का सेवन करते हैं तो यह सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। तो आज हम आपको कुछ ऐसे ट्रिक्स के बारे में बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप सरसों तेल की शुद्धता की पहचान आसानी से कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं।
गंध से करें पहचान
अगर आप जानना चाहते हैं तेल शुद्ध है या नहीं तो इसके लिए सबसे पहले ये जान लें कि शुद्ध सरसों तेल की पहचान खूशबू है। असली सरसों तेल से इतनी तेज गंध आती है कि इसे स्मेल करते ही नाक में हल्की जलन महसूस होने लगती है। आप इसकी स्मेल से आसानी से पहचान सकते हैं कि तेल शुद्ध है या नहीं।
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फ्रिज में रखें तेल
जब भी आप बाजार से तेल खरीदकर लाएं तो सबसे पहले एक कटोरी में तेल डालकर फ्रिज में रख दें। अगर तेल में किसी तरह की मिलावट की गई होगी तो ऊपरी परत जम जाएगी। वहीं अगर सरसों तेल शुद्ध होगा तो तेल फ्रिज में वैसा ही रहेगा।
रंग से पहचानें
शुद्ध सरसों के तेल का रंग गाढ़ा होता है। लेकिन अगर तेल में किसी तरह की मिलावट की गई होगी तो आपको तेल हल्के पीले रंग का दिखाई देगा।
हथेलियों पर रगड़कर करें पहचान
शुद्ध सरसों के तेल की पहचान हाथों पर रगड़कर भी कर सकते हैं। इसके लिए तेल की कुछ बूंदे लेकर हथेलियों पर रगड़ें। अगर तेल रंग छोड़ दे तो इसका मतलब तेल में मिलावट है।
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टेस्ट ट्यूब से करें चेक
सबसे पहले सरसों का तेल टेस्ट ट्यूब में डालें। इसके बाद इसमें नाइट्रिक एसिड की कुछ बूंदें डालें। अब इसे अच्छे से मिलाकर ट्यूब को गर्म कर लें। अगर ये मिश्रण लाल रंग का हो जाए तो समझ लीजिए तेल मिलावटी है।