धर्म डेस्क: 15 फरवरी को साल का पहला सूर्यग्रहण पड़ रहा है। यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा जिसके कारण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन इसका प्रभाव हर राशि के जातको पर जरुर पड़ेगा। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है। सूर्य का अर्थ होता है 'सर्व प्रेरक' अर्थात 'सर्व कल्याणकारी'। यजुर्वेद ने सूर्य को भगवान का नेत्र माना है। ब्रह्मवैर्वत पुराण तो सूर्य को परमात्मा स्वरूप मानता है। 16 फरवरी सूर्य ग्रहण पड़ रहा है, लेकिन यह आंशिक होने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा।
ज्योतिष के अनुसार यह सूर्य ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुम्भ राशि में लग रहा है और शतभिषा राहु का नक्षत्र है। इसलिए इसी कारण इस नक्षत्र से संबंधित राशि वाले लोगों के लिए यह ग्रहण परेशानी का कारण बन सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का दर्जा मिला है। ग्रह बृहस्पति को सूर्य का परम मित्र माना गया है,गुरु जीवन है तो सूर्य आत्मा। ज्योतिषाचार्य पं आनंद शंकर व्यास ने बताया कि सूर्य का संबंध मनुष्य से सीधे तौर पर होता है। मनुष्य के जीवन में ग्रहण के दौरान राशियों के अनुसार कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रह दोष इसका सबसे प्रमुख कारण है। कही न कही सूर्य राशि स्वामी के संपर्क में होता है। यहीं कारण है कि ग्रहण के समय मनुष्य को मानिसिक रुप से परेशानी होती ही है। लेकिन वहीं दूसरी ओर सूर्य कुछ राशि के जातकों के लिए शुभ संकेत भी प्रदान करता है।
मेष राशि
सूर्य ग्रहण की वजह से 16 फरवरी के बाद मेष राशि के लोगों को धन लाभ मिलने की संभावनाएं हैं। इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। रुके हुए कामों में सफलता मिलेगी।
वृष राशि
इस राशि के लोगों को परेशानियां हो सकती हैं। मानसिक तनाव रहेगा। घर-परिवार में परेशानियां बढ़ सकती हैं।
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