धर्म डेस्क: आज सूर्य की तुला संक्रांति भी है। जिस भी दिन सूर्यदेव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन सूर्य की संक्रांति होती है। इस दिन शाम 06:44 पर सूर्यदेव तुला राशि में प्रवेश करेंगे और 16 नवम्बर की शाम 06:32 तक यहीं पर रहेंगे। सूर्यदेव के तुला राशि में इस गोचर से विभिन्न राशि वालों पर सूर्यदेव के अलग-अलग प्रभाव होंगे। तो किस राशि वालों पर सूर्यदेव के क्या प्रभाव होंगे और उस स्थिति में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिए आपको कौन-से उपाय करने होंगे। जानिए इस सभी के बारें में आचार्य इंदु प्रकाश से।
संक्रांति में पुण्यकाल का महत्व
सूर्य की तुला संक्रांति का पुण्यकाल आज दोपहर 12:20 से सूर्यास्त तक रहेगा। संक्रांति के पुण्यकाल के दौरान स्नान-दान का महत्व होता है। सूर्य की तुला संक्रांति में गोदावरी नदी में स्नान - दान का महत्व है, लेकिन जो लोग गोदावरी नदी में स्नान आदि के लिये न जा पायें, वो चिंतित न हो। आप घर पर ही अपने स्नान के पानी में गोदावरी नदी का आह्वाहन करके स्नान कर लीजिये। आप ऐसा भाव करके स्नान करिये जैसे कि आप गोदावरी नदी के जल से ही स्नान कर रहे हों। तो आप इस तरह स्नान आदि करके सूर्य की तुला संक्रांति के पुण्यकाल का लाभ उठा सकते हैं। (Ashtami 2018: दुर्गा अष्टमी के दिन होगा कन्या पूजन, जानें कन्या पूजन का शुभ महूर्त और पूजा विधि)
मेष राशि
सूर्यदेव आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। सूर्यदेव के इस गोचर से लगभग 30 दिनों के दौरान आपको अपने जीवनसाथी से सामान्य रूप से लाभ मिलता रहेगा। उनके साथ आपके रिश्ते भी सामान्य रूप से आगे बढ़ते जायेंगे, लेकिन अगर आप इस सामान्य स्थिति को थोड़ा बेहतर करना चाहते हैं, तो अगले 30 दिनों के दौरान - भोजन करने से पहले अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर किसी जरूरतमंद को दें। इससे आपके पारिवारिक सुख में बढ़ोतरी होगी। (Navratri 2018: नवरात्र के दिनों में भूलकर भी न करें ये काम, हो जाएंगी मां दुर्गा नाराज )
वृष राशि
सूर्यदेव आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। सूर्यदेव के इस गोचर से आपके मित्रों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और जो पहले से आपके मित्र हैं, उनसे 16 नवम्बर तक आपको पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। तो 16 नवम्बर तक जीवन में दोस्तों का सहयोग बनाये रखने के लिये - कुत्ते को रोटी दें।
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