16 सितंबर सुबह शाम 7 बजकर 08 मिनट पर सूर्यदेव सिंह से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। और 17 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक यहीं पर रहेंगे। बता दें कि जिस दिन सूर्यदेव किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन सूर्य की संक्रांति होती हैं। अतः सूर्य की कन्या संक्रांति है।
भारतीय ज्योतिष के अनुसार सूर्य एक पुरुष ग्रह है। इनकी दिशा पूर्व है। राशियों में यह सिंह राशि के स्वामी है। सौरमंडल में सूर्य सबसे बड़े ग्रह है। बाकी सब ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। जन्मपत्रिका में पिता के संबंध में सूर्य के द्वारा ही विचार किया जाता है। सूर्य स्वभाव, आरोग्यता, राज्य और देवालय का सूचक है।
किसी भी संक्रांति में पुण्यकाल का बहुत महत्व होता है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान और दान का महत्व बताया गया है। सूर्य की कन्या संक्रांति के दौरान गोदावरी नदी में स्नान-दान का महत्व है। साथ ही आपको बता दूं कि सूर्य की इस कन्या संक्रांति का पुण्यकाल आज दोपहर 12:44 से सूर्यास्त तक रहेगा। सूर्य के कन्या राशि में इस गोचर के दौरान आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा और विभिन्न राशि वालों को कौन-से उपाय करने होंगे। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
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मेष राशि
सूर्यदेव आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में छठे स्थान का संबंध मित्र से होता है। सूर्य के इस गोचर से आपके जीवन में मित्रों की वृद्धि होगी और जरूरत के वक्त उनका पूरा सहयोग आपको मिलेगा। तो 17 अक्टूबर तक इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए बंदर को गुड़ खिलाएं। साथ ही मंदिर में बाजरा दान करें।
वृष राशि
सूर्यदेव आपके पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। सूर्यदेव के इस गोचर से आपको विद्या का लाभ मिलेगा। आपको संतान पक्ष से सुख की प्राप्ति होगी। गुरु और जीवनसाथी के साथ भी अच्छे संबंध बनेंगे। तो अगले 30 दिनों तक इन सब चीज़ों का उचित लाभ उठाने के लिए छोटे बच्चों को कुछ गिफ्ट करें।
मिथुन राशि
सूर्यदेव आपके चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में चौथा स्थान जीवन में माता, भूमि-भवन और वाहन से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको 17 अक्टूबर तक अपनी मेहनत के बल पर भूमि , भवन और वाहन का लाभ मिलेगा। साथ ही माता का साथ भी बना रहेगा। तो अपनी इस स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए अगले 30 दिनों के दौरान किसी जरुरतमंद को भोजन कराएं।
कर्क राशि
सूर्यदेव आपके तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में तीसरा स्थान भाई-बहन और अभिव्यक्ति से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको अपने भाई-बहनों से आशा अनुसार साथ नहीं मिल पायेगा और आप खुलकर दूसरों के आगे अपनी बात रखने में संकोच करेंगे। तो भाई-बहनों का पूरा साथ पाने के लिए और अपनी अभिव्यक्ति की आजादी को कायम रखने के लिए अगले 30 दिनों तक धार्मिक कार्यों में सहयोग देते रहें।
सिंह राशि
सूर्यदेव आपके दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में दूसरा स्थान धन से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपके धन में वृद्धि होने के आसार कम हैं,। आपको अगले 30 दिनों के दौरान किसी धर्मस्थल या मंदिर में नारियल का दान करना चाहिए।
कन्या राशि
सूर्यदेव आपके पहले स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में पहला स्थान लग्न का होता है। अतः इस स्थान पर सूर्यदेव के गोचर से आपको धन की प्राप्ति होगी, यश-सम्मान में बढ़ोतरी होगी और प्रेम-संबंध मजबूत होंगे। संतान को न्यायालय से लाभ मिलेगा। तो सूर्यदेव के इन शुभ फलों को सुनिश्चित करने के लिये अगले 30 दिनों तक रोज सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को नमस्कार करें।
तुला राशि
सूर्यदेव आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में बारहवें स्थान का संबंध शैय्या सुख से है, परन्तु इस स्थान का संबंध व्यय से भी है। अतः सूर्य के इस गोचर से आपको शैय्या सुख तो मिलेगा, लेकिन आपके खर्चें भी बहुत हद तक बढ़ जायेंगे। तो सूर्यदेव के अशुभ फलों से मुक्ति पाने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये 17 अक्टूबर तक अपने घर की खिड़की और दरवाजे खुले रखें, ताकि आपके घर के एक-एक कोने में सूर्य की किरणें पहुंच सके।
वृश्चिक राशि
सूर्यदेव आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में ग्यारहवें स्थान का संबंध आमदनी और कामना पूर्ति से है। सूर्य के इस गोचर से मेहनत के बल पर आपकी आमदनी में वृद्धि होगी। आपको धन लाभ के अवसर मिलेंगे और आपके काम बनेंगे। तो अगले 30 दिनों के दौरान शुभ फलों को सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये रात के समय अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन्हें किसी धर्मस्थल या मंदिर में दान कर दें।
धनु राशि
सूर्यदेव आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में दसवें स्थान 0का संबंध राज्य और पिता से है। सूर्य के इस गोचर से आपको अपने करियर में सफलता अवश्य मिलेगी, साथ ही आपके पिता के काम भी बनेंगे। अतः अपने करियर और पिता के कार्यों में सफलता सुनिश्चित करने के लिए आज से 17 अक्टूबर तक घर से बाहर निकलते समय अपना सिर ढक्कर जायें। आप सिर पर सफेद रंग की टोपी या पगड़ी पहन सकते हैं।
मकर राशि
सूर्यदेव आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे। इस स्थान पर सूर्यदेव के गोचर से आपको अपने कार्यों में भाग्य का उतना साथ नहीं मिल पायेगा। आपको अपने कार्यों में सफलता के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। अगले 30 दिनों तक अपने भाग्य का साथ पाने के लिए और अशुभ फलों से बचने के लिये घर में पीतल के बर्तन का उपयोग करें। साथ ही ध्यान रहे 17 अक्टूबर तक पीतल की कोई चीज गिफ्ट में न दें और न ही दान करें।
कुंभ राशि
सूर्यदेव आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में आठवें स्थान का संबंध आयु और हमारे स्वास्थ्य से है। अतः सूर्य के इस गोचर से आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। अतः अपने बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु को सुनिश्चित करने के लिये लिए अगले 30 दिनों के दौरान काली गाय की सेवा करें। साथ ही बड़े भाई की मदद करें।
मीन राशि
सूर्यदेव आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में सातवें स्थान का संबंध जीवनसाथी और आपकेदाम्पत्य सम्बन्ध से है। सूर्य के इस गोचर से आपके दाम्पत्य संबंध मधुर होंगे, लेकिन साथ ही एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशन के अवसर भी सामने आ सकते हैं। आपको इनसे बचकर रहना चाहिए। जीवनसाथी से मधुर सम्बन्ध बनाये रखने के लिये और किसी भी तरह की अशुभ स्थिति से बचने के लिये अगले 30 दिनों के दौरान अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर किसी जरुरतमंद को खिलाएं।