11 सितंबर को सुबह 04 बजकर 59 मिनट से बुध कन्या राशि में गोचर करेगा और अब बुध 29 सितम्बर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक कन्या राशि में ही विराजमान रहेगा। इस गोचर का कन्या राशि के साथ हर राशि पर जरूर कुछ ना कुछ प्रभाव जरूर पड़ेगा। लिहाज़ा किस राशि पर इस गोचर का क्या प्रभाव होगा और शुभ फलों की प्राप्ति व अशुभ फलो के प्रभाव से बचन के लिए आप क्या कुछ उपाय कर सकते हैं। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आपका प्रभाव।
मेष राशि
बुध आपके छठें भाव में गोचर हुआ है। छठा भाव आपके जीवन में रोग, शत्रु व मित्रों की स्थिति के बारे में जानकारी देता है। बुध आपकी जन्मपत्रिका में अकारक है। लिहाज़ा इस गोचर से आपके मित्रों के साथ संबंधों में कुछ अनबन हो सकती है। जिससे आपको बचकर रहने की जरूरत है। मित्रों के साथ ज्यादा वाद विवाद में ना पड़ें। वहीं आपको स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सचेत रहने की जरूरत है। विशेष बात यह है कि इस गोचर से आप अपने शत्रुओं को परास्त करने में कामयाब होंगे। अतः बुध के इस गोचर में शुभ फलों की प्राप्ति व अशुभ फलों के प्रभाव से बचने के लिए आप कोई भी शुभ कार्य करने से पहले कन्या का आशीर्वाद जरूर लें। आपको शुभ फल जरूर प्राप्त होंगे।
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वृष राशि
बुध आपके पांचवे भाव में गोचर हुआ है। जो आपकी संतान, जीवन में आपके रोमांस, आपकी विद्या व आपके विवेक शक्ति के बारे में बताता है। बुध का ये गोचर आपको सामान्य फल देगा। आप अपने जीवनसाथी या लवमेट के साथ कुछ अच्छा वक्त बिताएंगे। तो वहीं आपकी बौद्धिक क्षमता भी विकसित होगी। इसके अलावा छात्रों के लिए ये गोचर थोड़ा परेशानियों भरा हो सकता है। पढ़ाई से उनका मन थोड़ा भटक सकता है। लिहाज़ा इस गोचर से शुभ फलों की प्राप्ति व अशुभ फलों के प्रभाव से बचने के लिए गाय की सेवा करें व उन्हे हरा चारा खिलाएं। आपकी समस्याओं का अंत होगा।
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