आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार 5 सितंबर की देर रात 3 बजकर 58 मिनट पर मंगल कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और 21 अक्टूबर की देर रात 2 बजे तक यहीं पर गोचर करते रहेंगे। उसके बाद तुला राशि में प्रवेश कर जायेंगे। साथ ही आज रात 12 बजकर 50 मिनट पर शुक्र तुला राशि में प्रवेश करेंगे और 1 अक्टूबर की सुबह 9 बजकर 45 मिनट तक यहीं पर रहेंगे। उसके बाद वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जायेंगे। ग्रहों के इस गोचर का विभिन्न राशि वालों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इस दौरान आपको अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए आपको क्या उपाय करने है,जानिए।
मेष राशि
मंगल आपके जन्म पत्रिका के छठें स्थान पर गोचर करेंगे। मंगल का यह गोचर आपको साहसी बनायेगा। इस दौरान आपके साथ-साथ आपके बड़े भाई और साथियों को भी तरक्की के नये अवसर प्राप्त होंगे। तो मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये भाईयों को कुछ न कुछ गिफ्ट दें। जबकि शुक्राचार्य आपके जन्म पत्रिका के सातवें स्थान पर गोचर करेंगे | शुक्र के इस गोचर से दूसरों के प्रति आपका स्वभाव नरम बना रहेगा। जीवनसाथी से आपके संबंध अच्छे बने रहेंगे और उनकी सेहत भी ठीक रहेगी। साथ ही आपको इस दौरान सुख की प्राप्ति होगी। तो शुक्र के शुभ फल बनाये रखने के लिए इस दौरान गंदे नाले में नीला फूल डालें।
वृष राशि
मंगल का यह गोचर आपके जन्म पत्रिका के पांचवें स्थान पर होगा। घर में अगर कोई डॉक्टरी के पेशे से जुड़ा है, तो उनकी आय में वृद्धि निश्चित है। अगर आपकी पत्नी गर्भवती है और जल्द ही संतान को जन्म देने वाली है तो आपकी तरक्की ही तरक्की होगी। लिहाजा मंगल की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिये रात के समय सिरहाने के पास पानी रखकर सोएं। जबकि शुक्राचार्य आपके जन्म पत्रिका के छठे स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर से आपको समय-समय पर अपने मित्रों का सहयोग मिलता रहेगा।आपकी आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी। शुक्राचार्य के इस गोचर का शुभ पाने के लिए घर की महिला अपने बालों में सोने का या गोल्डन कलर का हेयर क्लिप लगाकर रखें।
मिथुन राशि
मंगल का यह गोचर आपके जन्म पत्रिका के चौथे स्थान पर होगा। मंगल के इस प्रभाव से आप जो कहेंगे, वो करके दिखायेंगे। इस दौरान क्रोध से बचें, अन्यथा यह आपकी हानि करा सकता है। लिहाजा मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये बरगद के पेड़ की जड़ में दूध में मीठा मिलाकर चढ़ाएं। जबकि शुक्राचार्य आपके पाचवें स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपका घर-परिवार बच्चों से परिपूर्ण रहेगा।आपको धन का लाभ मिलेगा। आपके दाम्पत्य संबंधों में मधुरता आयेगी तो शुक्र की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए गऊ माता की सेवा करें। साथ ही मंदिर में दही का दान करें।
कर्क राशि
मंगल का गोचर आपके जन्म पत्रिका के तीसरे स्थान पर होगा। मंगल का यह गोचर आपसे संबंधित लोगों के लिये आपसे ज्यादा फायदेमंद कराएगा। इस दौरान बुरी आदतों के चक्कर में फंसने से बचें। तो मंगल के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये तर्जनी उंगली में बिना जोड़ वाली चांदी की अंगूठी पहनें। जबकि शुक्राचार्य आपके जन्म पत्रिका के चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपको भूमि, भवन और वाहन का लाभ मिलेगा। माता से सहयोग भी मिलता रहेगा। तो शुक्र के गोचर के दौरान शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए घर के बाहर जमीन के नीचे काला सुरमा दबाना चाहिए।
सिंह राशि
मंगल का यह गोचर आपके जन्म पत्रिका के दूसरे स्थान पर होगा। मंगल का यह गोचर आपको दृढ़ निश्चयी बनायेगा। अच्छा और सम्पन्न ससुराल मिलेगा। अपने सगे-संबंधियों का पालन-पोषण करेंगे। मंगल के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये जरूरत पड़ने पर भाईयों की मदद करें। जबकि शुक्राचार्य आपके तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर के दौरान आपका संचय धन खर्च होगा। आपको अपने अंदर कॉन्फिडेंस बनाये रखने की जरूरत है। लिहाजा शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए रिश्ते में अपने से बड़ी महिलाओं का आशीर्वाद लें।
कन्या राशि
मंगल आपके जन्म पत्रिका के पहले स्थान पर गोचर करेंगे। मंगल के इस गोचर के दौरान शत्रु आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेंगे। लोहा,लकड़ी, मशीनरी आदि से जुड़ा बिजनेस लाभ देगा। लिहाजा मंगल के अशुभ फलों से बचने के लिये चने की दाल या बेसन से बनी चीज़ें मंदिर में दान करें। जबकि शुक्राचार्य आपके दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे | शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपको आर्थिक लाभ होगा। आपको अपने जीवनसाथी से पूरा सहयोग मिलेगा। आपको संतान का सुख प्राप्त होगा। लिहाजा शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए दो सौ ग्राम गाय का घी मंदिर में दान करें।
तुला राशि
बारहवें स्थान पर मंगल का यह गोचर आपको क्रोधी बनायेगा। इस दौरान पैसों की चिंता नहीं रहेगी। आप अपनी सम्पन्नता से दूसरों को भोजन करायेंगे। तो मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये इस दौरान खाकी रंग की टोपी या पगड़ी से सिर ढककर रखें। जबकि शुक्राचार्य आपके पहले स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपको दूसरों की सहायता पाने के लिये थोड़ी मेहनत करनी होगी। आपके जीवनसाथी को भी इस दौरान कुछ परेशानी फेस करनी पड़ सकती है। लिहाजा शुक्र के इस गोचर का शुभ फल पाने के लिये अपने नहाने के पानी में एक चम्मच दही डालकर नहाएं।
वृश्चिक राशि
मंगल आपके जन्मपत्रिका ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। इस गोचर के दौरान माता-पिता को आर्थिक रूप से लाभ होगा। गुरु भक्ति और आध्यात्मिक विचारों के प्रति आस्था बढ़ेगी। लिहाजा इसके अशुभ फलों से बचने के लिये लहसुनियां धारण करें। जबकि शुक्राचार्य आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर सेआपको शैय्या सुख मिलेगा। आपको हर प्रकार के सुख-साधन प्राप्त होंगे। संतान से भी सुख मिलेगा। लिहाजा शुक्र के शुभ फल बनाये रखने के लिए गऊ माता के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
धनु राशि
मंगल आपके जन्म पत्रिका के दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। मंगल के इस गोचर से अपने साथ-साथ परिवार के सौभाग्य को भी बढ़ायेगा। अचल सम्पत्ति में इजाफा होगा। लिहाजा मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये दूध उबालते समय ध्यान रखें कि दूध उबलकर नीचे न गिरे। जबकि शुक्राचार्य आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपकी सुंदरता बनी रहेगी। अगर आप अपने हर काम जीवनसाथी की सलाह से काम करेंगे तो निश्चित रूप से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। तो शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में चमेली का तेल दान करें।
मकर राशि
मंगल आपके जन्म पत्रिका के नवे स्थान पर गोचर करेंगे। मंगल का यह गोचर जीवन में सुख भर देगा। प्रशासनिक कार्यों में हैं तो कोई अच्छा पद मिलेगा। भाईयों का साथ देंगे और उनके साथ रहेंगे । लिहाजा मंगल के शुभ फल बनाये रखने के लिये बड़े भाई का सम्मान करें और उनसे अलग न रहें। जबकि शुक्राचार्य आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से संतान सुख पाने में भी परेशानी आ सकती है। साथ ही आपको अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। लिहाजा इस गोचर का शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में दही या दही से बनी किसी चीज़ का दान करें।
कुम्भ राशि
मंगल आपके जन्मपत्रिका के आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। इस गोचर से आप मेहनती होंगे। आप सच का साथ देंगे। शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे। लिहाजा मंगल के शुभ फल बनाये रखने के लिये गले में चांदी का कुछ धारण करें। जबकि शुक्राचार्य आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे | शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपके भाग्य में वृद्धि होगी। आपको संतान सुख की प्राप्ति होगी। साथ ही आपको धन लाभ होगा। लिहाजा शुक्र के अच्छे फल बनाये रखने के लिए काली या लाल गाय की सेवा करें।
मीन राशि
मंगल आपके जन्म पत्रिका के सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। मंगल का यह गोचर धर्म की प्रवृत्ति को बढ़ायेगा। दूसरों की मदद करके उनका साहस बढ़ायेंगे। आप जो भी चाहेंगे, एक बार आपको अवश्य मिलेगा। तो मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये चौड़े पत्तों वाले वृक्ष घर पर न लगाएं साथ ही सूखे फूल, घास या खोखला बांस घर में न रखें। जबकि शुक्राचार्य आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप इस दौरान अपने जीवनसाथी की हर बात को ध्यान से सुनेंगे और उनकी सलाह से काम करेंगे। तो शुक्र के इस गोचर का शुभ बनाये रखने के लिए आपको रोज़ मन्दिर में जाकर अपना सिर झुकाना चाहिए।