धर्म डेस्क: आज वैशाख कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि और सोमवार का दिन है। आज देर रात 01 बजकर 5 मिनट पर वक्री गुरु धनु से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि में ही वक्री होकर रहेंगे। इसके बाद गुरु वृश्चिक राशि में मार्गी हो जायेंगे और 05 नवम्बर को सुबह 05 बजकर 17 मिनट तक वृश्चिक राशि में ही रहेंगे। अत: फिलहाल 11 अगस्त तक वक्री गुरु के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने से विभिन्न राशि वाले लोगों पर क्या अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेंगे, वक्री गुरु उनकी जन्मपत्रिका में किस स्थान पर गोचर करेंगे, साथ ही वक्री गुरु की शुभ स्थिति के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए और अशुभ फलों से बचने के लिए आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।
भारतीय ज्योतिष के अनुसार नक्षत्रों में पूर्वाभाद्रपद, पुनर्वसु और विशाखा नक्षत्रों के स्वामी देव गुरु बृहस्पति को ही माना गया है। साथ ही इसकी दिशा उत्तर-पूर्व है, रंग पीला है और पंच तत्वों में इसका संबंध आकाश तत्व से है। जन्मपत्रिका में किसी स्थान पर गुरु के होने से संतान, विद्या, घर और स्वास्थ्य आदि विषयों पर विचार किया जाता है। बृहस्पति का एक चरित्र है - स्थान हानि करो जीवा। यानी बृहस्पति जहां बैठता है, उस स्थान की हानि करता है और जहां देखता है, उस स्थान की वृद्धि करता है, लेकिन देव गुरू होने के कारण इसका ये चरित्र है कि ये कितना भी खराब क्यों न हो, कभी आदमी की इज्जत पर कोई आंच नहीं आने देता। (वैशाख माह शुरु, पूरे माह तुलसी पूजन, स्नान-दान के साथ ये काम करना होगा शुभ)
मेष राशि
वक्री गुरु आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको सांसारिक सुख की प्राप्ति होगी। घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। साथ ही आपके धन में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा किसी भी तरह की परेशानी का हल निकालने में भगवान आपकी हमेशा मदद करेंगे। अत: 11 अगस्त तक वक्री गुरु के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए और अशुभ फलों से बचने के लिए अपने मस्तक पर हल्दी से रोज तिलक करें। इससे आपकी स्थिति बेहतर बनी रहेगी। (साप्ताहिक राशिफल 22 से 28 अप्रैल: इस सप्ताह एक साथ 2 ग्रह कर रहे है राशिपरविर्तन, इन राशि के जातक रहें संभलकर)
वृष राशि
वक्री गुरु आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपकी यात्रा सुखद रहेगी। आपके भाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही धर्म के कार्यों में आपको प्रसिद्धि मिलेगी। आपके पास पैसों की कोई कमी नहीं होगी। इस दौरान आपका जीवन सुख और आराम से परिपूर्ण होगा। अत: 11 अगस्त तक वक्री गुरु के शुभ फल बनाये रखने के लिए मंदिर की साफ-सफाई में अपना सहयोग दें। इससे आपके धन में वृद्धि होगी।
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