5 अप्रैल 2021 को गुरु कुंभ राशि में प्रवेश किया था और 21 जून की रात 8 बजकर 35 मिनट पर कुंभ राशि में ही वक्री हो गए थे और वक्री गति से गोचर करते हुए 14 सितंबर की दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगा और 18 अक्टूबर तक मकर राशि में ही वक्री गति से गोचर करते रहेंगे, फिर 18 अक्टूबर की दोपहर पहले 11 बजे मकर राशि में ही गुरु अपनी चाल बदलकर मार्गी गति से गोचर करने लगेंगे और गोचर करते हुए 20 नवंबर की रात 11 बजकर 59 मिनट पर पुनः कुम्भ राशि में प्रवेश कर जायेंगे।
भारतीय ज्योतिष के अनुसार राशियों में ग्रह गुरु बृहस्पति धनु और मीन राशियों जबकि नक्षत्रों में पूर्वाभाद्रपद, पुनर्वसु और विशाखा नक्षत्रों के स्वामी माने गये है। साथ ही इसकी दिशा उत्तर-पूर्व है, रंग पीला है और पंच तत्वों में इसका संबंध आकाश तत्व से है । गुरु का एक चरित्र है- स्थान हानि करो जीवा यानि गुरु जहां बैठता है उस स्थान की हानि करता है और जहां देखता है उस स्थान की वृद्धि करता है, लेकिन देव गुरु होने के कारण इसका ये भी खासियत है कि ये कितना भी खराब क्यों न हो, कभी आदमी की इज्जत पर कोई आंच नहीं आने देता। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए राशिनुसार कैसा रहेगा आपका दिन।
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मेष राशि
वक्री गुरु आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके सुख-साधनों में बढ़ोतरी होगी। करियर में जल्द ही आपको कोई बड़ी सफलता मिल सकती है। जरूरत पड़ने पर आपकी संतान आपके कार्यों का उत्तरदायित्व निभाने में आपकी सहायता करेगी। इस दौरान गुरु के शुभ फल बनाये रखने के लिए बाहर आते-जाते समय अपना सिर ढक कर रखें। अगर आप पगड़ी बांधते हैं तो उस पर पीले केसर का तिलक लगाएं।
वृष राशि
वक्री गुरु आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके मुख से निकले हुए वचन पक्के होंगे। इस दौरान आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा | किसी काम के लिये की गई मेहनत का फल आपको जरूर मिलेगा। आपको धन लाभ होने की भी संभावना है। अत: अपने जीवन में सब कुछ बेहतर बनाये रखने के लिए इस दौरान श्री विष्णु को हाथ जोड़कर प्रणाम करें और मन्दिर में एक हल्दी का टुकड़ा दान करें।
मिथुन राशि
वक्री गुरु आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको सांसारिक सुख की प्राप्ति होगी। घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। इसके अलावा किसी भी तरह की परेशानी का हल निकालने में भगवान आपकी हमेशा मदद करेंगे। लिहाजा गुरु के शुभ फल बनाये रखने के लिए अपने मस्तक पर हल्दी से रोज तिलक करें।
कर्क राशि
वक्री गुरु आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपकी यात्रा सुखद रहेगी। आपके भाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही धर्म के कार्यों में आपको प्रसिद्धि मिलेगी। आपके पास पैसों की कोई कमी नहीं होगी। लिहाजा इस दौरान गुरु के शुभ फल बनाये रखने के लिए मंदिर की साफ-सफाई में अपना सहयोग दें।
सिंह राशि
वक्री गुरु आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको मेहनत के बल पर कोई खास चीज मिलेगी। अगर आप किसी जरूरतमंद को उसकी जरूरत की कोई चीज़ दान करेंगे, तो आपके भाग्य में वृद्धि होगी | इस दौरान कभी-कभी काम करने में आपकी रूचि कम हो सकती है। लिहाजा अशुभ फलों से बचने के लिए किसी कन्या के पैर छूकर उसका आशीर्वाद लेना चाहिए।
कन्या राशि
वक्री गुरु आपके पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। पांचवा स्थान गुरु, विवेक और रोमांस आदि विषयों से संबंध रखता है। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको संतान सुख पाने के लिए कोशिशें करनी पड़ेगी। अपने गुरु से मदद के लिये आपको खुद ही कदम बढ़ाने होंगे। लिहाजा वक्री गुरु के शुभ पाने के लिए धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग दें।
तुला राशि
वक्री गुरु आपके चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। इस दौरान आपको पैसों के मामले में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। इस बीच आपको किसी न किसी चीज का भय भी हो सकता है। आपको जीवन में किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा वक्री गुरु की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए अपने से बड़ों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।
वृश्चिक राशि
वक्री गुरु आपके तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके धन में वृद्धि होगी। ससुराल पक्ष से आपको लाभ मिलेगा। आपको जीवन के हर क्षेत्र में सुख की प्राप्ति होगी। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। अगर आप संयुक्त परिवार में रहते हैं तो इस दौरान आपको अधिक लाभ होगा, लिहाजा वक्री गुरु का शुभ फल बनाये रखने के लिए पीले कपड़े में चने की दाल बांधकर मंदिर में दान करें।
धनु राशि
वक्री गुरु आपके दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। साथ ही ससुराल पक्ष से धन के मामले में हानि हो सकती है, लिहाजा वक्री गुरु के शुभ फल बनाये रखने के लिए ब्राह्मण को पीले रंग की कोई चीज़ दान करें।
मकर राशि
वक्री गुरु आपके पहले स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको पैसे कमाने के लिए थोड़ी कोशिशें करनी पड़ेगी। राजकार्य और किसी तरह के मुकदमे में सफलता मिलने की उम्मीद है। साथ ही आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। आपके ऊपर बड़ों का आशीर्वाद बना रहेगा। विशेष तौर पर माता-पिता से सहयोग मिलता रहेगा। लिहाजा वक्री गुरु के शुभ फल प्राप्त करने के लिए प्रत्येक महिला का सम्मान करें | किसी से भी ऊंची आवाज में बात ना करें।
कुंभ राशि
वक्री गुरु आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके भाग्य का उदय होगा। साथ ही आपको संतान सुख की प्राप्ति होगी | आपका वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा। लिहाजा इस दौरान वक्री गुरु की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए अपने माथे पर केसर का तिलक लगाएं या एक डिब्बी में थोड़ा-सा केसर डालकर अपने पास रखें।
मीन राशि
वक्री गुरु आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर के प्रभाव से बड़े-बुजुर्गों को कुछ परेशानी हो सकती हैं। इस दौरान आपको अपनी आंख का खास ख्याल रखना चाहिए। आपके पास पैसा होते हुए भी आप उसका सुख नहीं पा पाएंगे, लिहाजा वक्री गुरु के अशुभ फलों से बचने के लिए अपने पिता को कुछ गिफ्ट दें।