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14 मई से गुरु चलेगा उल्टी चाल, मेष सहित इन राशियों पर पड़ेगा सीधा असर

14 मई की रात को गुरु मकर राशि मे ही वक्री होगा यानी धीमे-धीमे चलते हुए गुरु के बगल से पृथ्वी तेजी से निकलेगी तो गुरु पीछे जाते मालूम होंगे यानि उलटे चलते लगेंगे। इसका परिणाम ये होगा कि लगभग सभी राशियों मे गुरु अब तक जो फल दे रहे थे उनमे से ज्यादातर उलटे हो जाएंगे।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 15, 2020 15:04 IST

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार 30 मार्च को बृहस्पति ने मकर राशि मे प्रवेश किया था। इसके साथ ही आज रात 8 बजकर 2 मिनट पर गुरु मकर राशि मे ही वक्री होगा यानी धीमे-धीमे चलते हुए गुरु के बगल से पृथ्वी तेजी से निकलेगी तो गुरु पीछे जाते मालूम होंगे यानि उलटे चलते लगेंगे। इसका परिणाम ये होगा कि लगभग सभी राशियों मे गुरु अब तक जो फल दे रहे थे उनमे से ज्यादातर उलटे हो जाएंगे।

दूसरी तरफ गुरु के इस गोचर का कोरोना पर कितना व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है। बात सिर्फ इतनी ही नहीं है चूंकि गुरु उल्टा चल रहा है तो उलटे चलते हुए यह मकर की पिछली राशि यानि कि धनु मे पहुंच जाएगा यानि 30 जून को, गुरु वक्रगत्या धनु में प्रवेश करेगा। गुरु का यह गोचर चिंतनीय होगा। ध्यान रहे कि 5 नवंबर 2019 से 29 मार्च 2020 की देर रात तक गुरु धनु राशि मे ही गोचर कर रहा था। उसी समय कोरोना नामक महान षड्यन्त्र ने जन्म लिया था क्योंकि समय केतु का गोचर भी धनु राशि मे ही था। केतु षड्यन्त्र का देवता है और गुरु की संगत पाकर हजार गुना ज्यादा तेज काम करता है।.

केतु अभी कहीं गया नहीं है, वो अभी भी वहीं है, लेकिन फर्क ये है कि इस बार गुरु उल्टा है, तो पिछली बार षड्यन्त्र हुआ था इस बार षड्यन्त्र का पर्दाफाश होगा। समय अवधि 14 मई 2020 की रात आठ बज दो मिनट से शुरू होकर 13 सितंबर 2020 तक। सितंबर को  गुरु धनु राशि मे मार्गी होंगे इस समय केतु और गुरु एक ही राशि मे होंगे, जब तक केतु का राशि परिवर्तन नहीं हो जाता, यानि 23 सितंबर 2020 तक, सिर्फ दस दिनों के लिए,  दुनिया एक बार फिर एक नया षड्यन्त्र देखेगी, ये सिर्फ दस दिन का खेल होगा। विश्व मुद्रा बाजार स्तंभित रह जाएगा। कुछ देशों कि ईकानमी धड़ाम हो सकती है। शेयर बाजार मे लोम हर्षक, बड़े परिवर्तन होंगे।  फिर 13 सितम्बर को मार्गी होकर पुनः 20 नवम्बर को मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद यहीं पर गोचर करते हुए 6 अप्रैल 2021 को यह कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा ।

गुरु के मकर राशि में इस वक्री गोचर से विभिन्न राशि वालों पर क्या असर पड़ेगा, आपके जन्मपत्रिका के किस स्थान पर गुरु गोचर कर रहें है और गुरु के इस गोचर के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राशि वालों को क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।

मेष राशि

गुरु का यह गोचर आपके जन्मपत्रिका के दसवें घर में हो रहा है। इस दौरान आपको अपने कार्यों को पूरा करने में थोड़ी और मेहनत करनी पड़ेगी। परिस्तिथियां अनियंत्रित हो सकती है। अगर आप कला के क्षेत्र से जुड़े है, तो इस दौरान आपको थोड़ी बहुत कठिनाईयों का सामना करना पद सकता है। व्यापार की गति थोड़ी रुक सकती है। गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए 30 जून तक पीले कपड़े न पहने और धर्मात्मा गुरु की सेवा करें।

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वृष राशि
आपकी जन्मपत्रिका के नौवें भाव में गुरु गोचर करेंगे। गुरू के इस गोचर के दौरान आपको भवन निर्माण करने में रुकावटें आयेंगी। इस दौरान आप अपने आपको उर्जावान महसूस करेंगे। धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि बढ़ेगी। यात्रा में व्यवधान आयेगा। आपके व्यापार में भी थोड़ी रुकावटें आयेंगी। गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- 30 जून तक हर नवें दिन स्नान के पानी मे गंगाजल डाल कर नहायें। 

मिथुन राशि
गुरु का यह गोचर आपके जन्मपत्रिका के आठवें घर में हो रहा, जो आपके लिए नेष्ट फलदायी साबित होगा। इसका विधिवत शान्ति व उपाय करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.  सफलता पाने के लिए आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। इस दौरान आपको मानसिक तनाव भी हो सकता है।  गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए- गले में सोना पहने या जरुरतमंदों की यथा संभव सहायता करें। 

कर्क राशि
सप्तम स्थान का गुरु आपके, जीवनसाथी के लिए खतरे की घंटी है। खर्चों में बढोतरी होने की सम्भावना है। व्यापार में उतार चढाव बना रहेगा। इस दौरान आपका स्वभाव उग्र होगा। खाने के प्रति अरुचि आयेगी।  गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए  इस दौरान नाभि पर केसर लगाए। 

सिहं राशि
गुरू का यह गोचर आपके जन्मपत्रिका के छठे स्थान पर होगा। मन में चल रही किसी बात से छुटकारा मिलेगा। जिससे आप अपने आपको मानसिक रूप स्वस्थ महसूस करेंगे। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा। दाम्पत्य जीवन में मिठास बढ़ेगी। साथ ही कार्यों में जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। गुरु के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- इस दौरान मंदिर के पुजारी को वस्त्र दान का संकल्प लेकर उसके पैसे अलग रखें।

 कन्या राशि
गुरु का यह गोचार आपके जन्मपत्रिका के पांचवें घर में हो रहा है। गुरु के इस गोचर के दौरान आपको कार्यों में सफलता मिलती रहेगी। आय के नये स्त्रोत मिलाने से संचय धन में बढ़ोतरी होगी। सगे–सम्बन्धियों से रिश्तें और मधुर होंगे। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों की तलाश पूरी होगी। साथ ही कार्यरत लोगों की पदोन्नति होगी। गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- साधुओं की मान रक्षा के लिए कुछ करें। 

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तुला राशि
गुरु आपके चतुर्थ खाने में जा रहे हैं। चतुर्थ गुरु शुभ फल देने वाला होगा। गुरु का यह गोचर आपके सभी कष्टों को हर लेगा। आपको सभी प्रकार के सांसारिक सुख का लाभ मिलेगा। परिवार में सबके साथ रिश्ते अच्छे बने रहेंगे सबसे भरपूर सुख और सहयोग मिलेगा। आपका प्रोमोशन हो सकता है, जिससे आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। लिहाजा आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। धर्म-कर्म में आपकी रूची बढ़ेगी। कुल मिलाकर गुरु का ये गोचर आपके लिये बढ़िया होगा।  गुरु के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- टूटे हुए खिलौने घर मे न रखें।

वृश्चिक राशि
गुरु आपके जन्मपत्रिका के तीसरे घर में गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपकी तरक्की सुनिश्चित होगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। आपके घर-परिवार में हर तरह से वृद्धि होगी। व्यवसायिक क्षेत्र में आपको अपनी मेहनत के बल पर लाभ होगा।  गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- केसर या हल्दी से तिलक करें और श्री विष्णु को नमस्कार करें। 
 
धनु राशि
गुरु का यह गोचर आपके जन्मपत्रिका के दुसरे घर में हो रहा है। गुरु का यह गोचर आपके लिये हर तहर से फेवरेवल होगा। आपके करियर में लाभ की स्थिति बनेगी। आपको भरपूर यश-सम्मान की प्राप्ति होगी। आपको हर तरह के भौतिक सुख-साधनों की प्राप्ति होती रहेगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य पहले से भी ज्यादा बेहतर होगा। गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- घर के उत्तर पूर्व मे एक मिट्टी का गमला रखें।

मकर राशि
गुरु आपके कुंडली के पहले घर में गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। साथ ही आपके पड़ोसी आपका साथ देंगे। बिज़नेस में आपके मेहनत के बल पर ही आपको लाभ की प्राप्ति होगी। गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। 

कुंभ राशि
गुरु आपके बरहवें स्थान पर गोचर करेगा। गुरु के इस गोचर से आपके परिवार की सुख-शांति और जीवन में समृद्धि बनी रहेगी। साथ ही आपकी धन-सम्पदा में वृद्धि होगी। आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा। सबके साथ रिश्तें मधुर रहेंगें। इस दौरान आपका बिज़नस आपको धन लाभ कराएगा। किसी पुराने भय या स्वास्थ्य संबंधी समस्या से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा नये घर के भी योग बन रहें है।  गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- पीपल के पेड़ को पानी दीजिए। 

मीन राशि
गुरु आपके कुंडली के ग्यारहवें घर में गोचर करेंगे। करीयर में आपकी तरक्की की संभावना बनेगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। आपकी आमदनी के साधन बढ़ने की सम्भावना है। विद्यार्थियों को अपनी मेहनत का उचित फल मिलेगा। गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- इस दौरान चाल-चलन ठीक रखें या ईर्ष्या करने से बचें। 

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