धर्म डेस्क: सभी ग्रहों और राशियों का एक विशेष संबंध होता है। जैसे देव गुरु बृहस्पति का संबंध धनु और मीन राशि से है। इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि बृहस्पति ग्रह, धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। आपको बतादें कि फिलहाल बृहस्पति ग्रह, यानी गुरु तुला राशि में वक्री रूप से गति कर रहा है।
बीते 9 मार्च को सुबह 11:05 पर गुरु तुला राशि में वक्री हुआ था, जो कि आने वाली 10 जुलाई मंगलवार को शाम 07:11 तक वक्री रहेगा, उसके बाद पुनः गुरु तुला राशि में मार्गी हो जायेगा। अतः विभिन्न राशि वालों पर वक्री गुरु का क्या प्रभाव होगा और उस स्थिति में आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
मेष राशि
गुरु आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर से परिवार की खुशियों के लिये आपको कोशिश करनी पड़ेगी। 10 जुलाई तक जीवनसाथी के साथ आपके कुछ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इस बीच आपको उनकी सेहत का ख्याल जरूर रखना चाहिए। साथ ही आपको अपने पास धन का संचय करके रखना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर आपकी जमा पूंजी ही आपके काम आयेगी।
उपाय
रत्तियां, जो सोना तोलने के काम आती हैं या लाल गुंजा के 3 बीज लेकर उन्हें पीले कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें या घर में जहां पर आप सोना रखते हैं, वहां पर रख दें। इससे आपकी परेशानियों का हल जल्द ही निकलेगा।
वृष राशि
गुरु आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। वक्री गुरु के इस गोचर से आपको धन लाभ होगा, लेकिन अपने कार्यों को सफल बनाने के लिये आपको थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। साथ ही आपके पिता और संतान को भी अपनी तरक्की के लिये कोशिशें जारी रखनी होंगी। 10 जुलाई तक नये लोगों से दोस्ती करते वक्त हर पहलू को अच्छे से समझना आपके लिये बहुत जरूरी है।
उपाय
छोटी कन्याओं को कुछ न कुछ गिफ्ट करते रहें और पीपल की जड़ में पानी डालें।
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