हेल्थ डेस्क: दिल का दौरा का सामना कर चुके मरीजों के लिए योग आधारित पुनर्वास कार्यक्रम पारंपरिक पुनर्वास थेरेपी जितना ही सुरक्षित है। यह बात एक नये अध्ययन में सामने आयी है।
पांच साल की स्टडी के बाद ये रिजल्ट आया । जिसे शिकागो में 'अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन साइंटीफिक सेशन' में पेश किए गए। इसे 'इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)' और मेडिकल रिसर्च काउंसिल (यूके) द्वारा वित्तपोषित किया गया था।
एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डा. अंबुज रॉय ने बताया कि अध्ययन में दिल का दौरा का सामना कर चुके मरीजों में क्लिनिकल परिणामों के संबंध में योग आधारित 'कार्डिएक रिहैबिलिटेश' (योग केयर) की तुलना ‘एंहांस्ड स्टैंडर्ड केयर’ (ईएससी) से की गई।
अध्ययन में पता चला कि योग केयर में पारंपरिक कार्डिएक रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम का विकल्प होने और भारत और अन्य देशों में दिल का दौरा का सामना करने वाले मरीजों की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता है।
अध्ययन भारत में 24 केंद्रों पर किया गया और इसमें करीब 4000 मरीजों को शामिल किया गया।
(इनपुट भाषा)
तेजी से करना है वजन कम, तो इस समय जरुर लें झपकी
दिवाली के बाद होने वाले एयर पॉल्यूशन को न लें हल्के में, बच्चों के फेफड़े पर पड़ रहा है बुरा असर