हेल्थ डेस्क: साल 2018 में एक ऐसी बीमारी चर्चा में रही। जिसमें आम लोगों को ही नहीं बल्कि नेताओं और बॉलीवुड सेलिब्रिटी को भी अपनी चपेट में लिया। वैसे तो साल 2018 में निपाह, जीका सहित कई बीमारियों ने छकाया लेकिन सिर्फ कैंसर से भारत में करीब 7 लाख 84 हजार लोगों की मौंत हो गई थी। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर 8 मिनट में एक 1 महिला सर्वाइकल कैंसर के कारण मौंत के मुंह में जा रही है। वहीं ब्रेस्ट कैंसर के कारण 2 में से 1 महिला की मौत हो जाती है। साल 2018 में इन नेताओं और बॉलीवुड सेलिब्रिटी कैंसर का शिकार हुआ। जिसमें हर किसी का ट्रिचमेंट विदेशों में चल रहा है। जानें कौन-कौन है इस लिस्ट में शामिल।
मनोहर पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर फरवरी 2018 में पैंक्रियाटिक कैंसर के चपेट में आ गए। जिसकी इलाज कराने के लिए वह पहले अमेरिका गए थे। बाद में दिल्ली के एम्स से इलाज चला। अब वह वापस गोवा लौट गए है। पूरी तरह अभी स्वस्थ वहीं हुए है लेकिन अपना कार्यभार संभाल लिया है।
क्या है अग्नाशय कैंसर
अग्नाशय कैंसर यानी कि पैनक्रीएटिक कैंसर बहुत ही गंभीर रोग है। अग्नाशय में कैंसर युक्त कोशिकाओं के जन्म के कारण पैनक्रीएटिक कैंसर की शुरूआत होती है। यह अधिकतर 60 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले लोगों में पाया जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही हमारे डीएनए में कैंसर पैदा करने वाले बदलाव होते हैं। इसी कारण 60 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में पैनक्रीएटिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इस कैंसर के होने की औसतन उम्र 72 साल है।
महिलाओं के मुकाबले पैनक्रीएटिक कैंसर पुरुषों को ज्यादा होता है। जो पुरुषों धूम्रपान करते है। उन्हें इस कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। रेड मीट और चर्बी युक्त आहार का सेवन करने वालों को भी पैनक्रीएटिक कैंसर होने की आशंका बनी रहती है। कई अध्ययनों से यह भी साफ हुआ है कि फलों और सब्जियों के सेवन से इसके होने की आशंका कम होती है।
इरफान खान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर
इरफान खान ने साल 2018 के मार्च माह में अपनी बीमारी के बारें में ट्विटर पर बताया था कि उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नाम की बीमारी हो गई है। इसे सिंपल शब्दों में कैंसर भी कहा जा सकता है। फिलहाल इरफान इस बीमारी का इलाज लंदन में करा रहे हैं।
क्या है न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर
यह ट्यूमर तब होता है जब हेल्दी सेल्स ज्यादा ही बढ़ जाते है। जो कि कैंसर की शुरुआत होती है। मतबल अगर यह शरीर में किसी भी भाग में हो सकता है। अगर समय में इसके बारें में जानकर ट्रिटमेंट कराया जाएं चो यह ठीक हो सकता है। अगर वह ऐसे पार्ट में है जहां पर हो, लेकिन ज्यादा फैला न हो। ऐसे में इसे आसानी से बिना किसी हानि के निकाला जा सकता है।
सोनाली बेंद्रे को मेटास्टैटिक कैंसर
साल 2018 की जुलाई में सोनाली बेंद्रे को मेटास्टैटिक कैंसर के बारें में पचा चला था। जिसका इलाज वह न्यूयार्क में करा रही है। फिलहाल वह मुंबई में इन दिनों अपने बेटे और पति के साथ समय बीता रही हैं।
क्या है मेटास्टैटिक कैंसर
यह कैंसर शरीर में होने वाले दूसरे टाइप के कैंसर की तुलना में ज्यादा खतरनाक माना जाता है, जिसकी वजह इसका शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाना है। मैटास्टैटिस का मतलब होता है रूप बदलना, यानी कि इसके सेल्स टूटकर ब्लड में मिलकर शरीर के पूरे हिस्से में फैल जाते है। जिसके कारण पूरे शरीर में फैल जाता है।
न्यूरो इंडोक्राइन सिस्टम में तंत्रिका और ग्रंथि कोशिकाएं होती है। जो कि हार्मोंस पैदा कर ब्लड सर्कुलेट करती है। एनईटी भी न्यूरो इंडोक्राइन में ही उत्पन होता है। ऐसे हार्मोंस लंग्स और गेस्ट्रोइंसेटाइल के अलावा पेट और आंतो में पाया जाता है।
Neuroendocrine कोशिकाओं विशिष्ट कार्य करते हैं, जैसे फेफड़ों के माध्यम से हवा और रक्त के प्रवाह को ठीक करते है। इसके साथ ही गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के माध्यम से कितनी जल्दी भोजन चलता है।
ताहिरा को ब्रेस्ट कैंसर
आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप साल 2018 में प्री-इन्वेसिव ब्रेस्ट कैंसर होने की बात का पता चला था। जिसकी डानकारी ताहिरा ने अपने फैंस को इंस्ट्राग्राम अकाउंट पर शेयर करके बताई। उन्होंन बताया कि उन्हें 0 स्टेज डिटेक्ट हुआ है और वह वह मैस्टेक्टमी यानी ब्रेस्ट निकालने की प्रक्रिया से गुजर चुकी हैं। बताया गया कि ताहिरा के राइट ब्रेस्ट में कैंसर के सेल्स पाए गए थे जो बहुत तेजी से मल्टीप्लाई हो रहे थे जिस वजह से उन्हें ब्रेस्ट की सर्जरी करवानी पड़ी।
नफीसा अली को ओवेरियन कैंसर
अक्टूबर 2018 में नफीसा अली को ओवेरियन कैंसर का सामना करना पड़ रहा है। जो कि थर्ड स्टेज में है। इस तरह के कैंसर में ओवरी यानी बच्चेदानी के अंदर या बाहर के लेयर्स में कैंसर के हानिकारक सेल्स बनने लगते हैं।
ओवेरियन कैंसर
डिंबग्रंथि कैंसर से तात्पर्य है अंडाशय में किसी भी तरह के कैंसर का विकास। डिंबग्रंथि का कैंसर अधिकांशत: अंडाशय की बाहरी परत से पैदा होता है। सबसे आम तरह के डिंबग्रंथि कैंसर को एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (ईओसी) कहा जाता है। इसके अन्य प्रकार हैं- ओवेरियन लो मैलिगनेंट पोटेंशियल ट्यूमर (ओएलएमपीटी), जर्म सेल ट्यूमर और सेक्स कॉर्ड-स्ट्रोमल ट्यूमर।