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स्मोकिंग का पड़ सकता है सीधे 'ब्रेस्टफीडिंग' पर असर: स्टडी

यह बात एक शोध में सामने आई। शोध के निष्कर्ष का प्रकाशन पत्रिका 'ब्रेस्टफीडिंग मेडिसीन' में किया गया है। इसमें स्तनपान कराने वाली माताओं पर घरेलू धूम्रपानकर्ताओं के संपर्क में आने पर नकारात्मक असर पड़ने की बात सामने आई है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: August 03, 2018 10:19 IST
Breastfeeding- India TV Hindi
Breastfeeding

हेल्थ डेस्क: शिशु को स्तनपान कराने वाली मांएं जो अपने घर में धूम्रपान के संपर्क में आती हैं, वे धूम्रपान के संपर्क में नहीं आने वाली मांओं की तुलना में उनके स्तनपान की अवधि पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। यह बात एक शोध में सामने आई। शोध के निष्कर्ष का प्रकाशन पत्रिका 'ब्रेस्टफीडिंग मेडिसीन' में किया गया है। इसमें स्तनपान कराने वाली माताओं पर घरेलू धूम्रपानकर्ताओं के संपर्क में आने पर नकारात्मक असर पड़ने की बात सामने आई है।

कनाडा के ओकानंगन परिसर स्थिति ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मैरी तरांत ने कहा, "हमारे शोध से पता चलता है कि धूम्रपान करने वाले परिवार में होने से बच्चे के स्तनपान अवधि के समय में कमी देखी गई। इन धूम्रपान करने वालों में पति, मां या विस्तारित परिवार का कोई सदस्य हो सकता है।"

तरांत ने कहा, "वास्तव में जिस परिवार में धूम्रपान करने वालों की संख्या ज्यादा थी उनमें स्तनपान अवधि कम रही।"

इस शोध के लिए शोधकर्ताओं के दल ने हांगकांग के चार बड़े अस्पतालों के 1200 महिलाओं का अध्ययन किया गया।

'ब्रेस्टफीडिंग' बचाता है महिलाओं को हार्ट अटैक और स्ट्रोक से

बच्चे के लिए मां का दूध अमृत समान होता है, इससे बच्चे को पोषण के साथ रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। हालांकि स्तनपान केवल बच्चे के लिए नहीं, बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद होता है। (कंटोला है विश्व की सबसे ताकतवर सब्जी, सेवन करने से कभी पास नहीं आएंगी ये गंभीर बीमारियां )

एक नए शोध में पता चला है कि स्तनपान महिलाओं में दिल का दौरा और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। नए शोध के मुताबिक, जो महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान कराती हैं, उनमें हृदयाघात व स्ट्रोक का जोखिम 10 गुना तक कम हो जाता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड की शोधार्थी सैनी पीटर्स ने कहा, "स्तनपान से मां को स्वास्थ्य लाभ गर्भावस्था के बाद मां के चयापचय के तेजी से ठीक होने से समझा जा सकता है।"

पीटर्स ने कहा, "गर्भावस्था के दौरान एक महिला के चयापचय में नाटकीय रूप से बदलाव आता है, क्योंकि वह अपने बच्चे के विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने के लिए वसा एकत्र करती है। इसलिए प्रसव के बाद स्तनपान उस एकत्र वसा को तेजी से और पूरी तरह से समाप्त करने में मदद करता है।"

यह शोध 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' में प्रकाशित हुआ है।

(इनपुट आईएएनएस)

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