World Population day 2018: फैमिली प्लानिंग करते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
World Population day 2018: फैमिली प्लानिंग करते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
यूनाइटेड नेशनल पॉपुलेशन फंड के डॉक्टर नटालिया के मुताबिक सिर्फ फैमिली प्लानिंग करने से बर्थ कंट्रोल या पॉपुलेशन को रोका नहीं जा सकता बल्कि गांवों की औरतों को शिक्षित, आजाद ख्यालात, गरीबी मुक्त कराना होगा तभी इस प्रॉब्लम से निजात पा सकते हैं।
हेल्थ डेस्क: आज अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस है। हर साल 11 जुलाई को इस खास दिवस को मनाया जाता है। इसकी स्थापना 11 जुलाई 1989 को युनाइटेड नेशन के द्वारा इसकी स्थापना की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल थी कि 11 जुलाई को हर साल पूरी दुनिया में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाएगा। इस बार भी अपनी निर्धारित तारीख के अनुसार इस खास दिन को मनाया जा रहा है साथ ही इस बार विश्व जनसंख्या दिवस का थीम है 'फैमिली प्लानिंग इज ए ह्यूमन राइट'।
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बढ़ती जनसंख्या विश्व के लिए चिंता का विषय है। इससे निजात पाने के लिए या जनसंख्या रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने जरूरी हैं। यही वजह है कि इस दिन बढ़ती हुई जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है। यही नहीं रिप्रॉडक्टिव हेल्थ के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाती है। आपको बता दें कि हर साल विश्व जनसंख्या दिवस की एक खास थीम होती है।
यहां पर हम आपको जनसंख्या दिवस के बारे में कुछ खास बातें बता रहे हैं:
Worldometers के मुताबक इस वक्त विश्व की कुल जनसंख्या 7.6 बिलियन यानी कि 760 करोड़ है. चीन (141 करोड़) विश्व की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है, जबकि भारत (135 करोड़) दूसरे और अमेरिका (32.67 करोड़ ) तीसरे नंबर पर है। साथ ही यह जनसंख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। और यह बढ़कर 83 मीलियन के स्पीड से हर साल बढ़ रह है।
इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र संघ कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जिनका मकसद बढ़ती जनसंख्या के मुद्दों के प्रति जागरुकता फैलाना है। ये मुद्दे अधिक जनसंख्या, कम जनसंख्या या तेजी से बढ़ती जनसंख्या जैसे हो सकते हैं। हर साल विश्व जनसंख्या दिवस की एक खास थीम होती है। यहां पर हम आपको जनसंख्या दिवस के बारे में कुछ खास बातें बता रहे हैं:
क्या है विश्व जनसंख्या दिवस?
संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक विश्व जनसंख्या दिवस जनसंख्या से जुड़े हुए मुद्दों के महत्व की ओर ध्यान दिलाना चाहता है। इसकी शुरुआत 1989 में हुई थी।
विश्व जनसंख्या दिवस का स्लोगन
इस साल विश्व जनसंख्या दिवस का स्लोगन या थीम है- 'Family Planning is a Human Right.' यानी कि 'परिवार कल्याण मानव का अधिकार है'।
यूनाइटेड नेशन ने फैमिली प्लानिंग से जुड़ी कुछ खास बातों का उल्लेख किया है:
बढ़ती पॉपुलेशन को कंट्रोल करने के लिए सरकार द्वारा जितने भी प्रयास किए जा रहे हैं वह सभी लोगों के पास आसानी से पहुंचाया जाए।
आत्मसात किया जाए
Contraceptive सर्विस लोगों के बीच सही तरीके से पहुंचाया जाए। ताकि इसका नेगेटिव इफेक्ट न हो।
फैमिली प्लानिंग को लेकर सही तरीके से शिक्षित किया जाए
सबसे जरूरी चीज यह है कि लोगों के बीच इसकी जागरुकता सही तरीके से पहुंचाया जाए। ताकि इसे समझने में किसी तरह की दिक्कत न हो। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को इस बात की पूर्ण स्वायत्तता होनी चाहिए कि बिना दबाव मुक्त, बिना किसी गलतफहमी के साथ अपनी हेल्थ से जुड़े फैसले ले सके।
सहभागिता
हर एक व्यक्ति को यह पूरा अधिकार है कि वह अपनी जिंदगी से जुड़े फैसले ले सके।
अपने अधिकार को जानें
हर एक इंसान को इस बात की आजादी होनी चाहिए कि वह अपने हेल्थ से जुड़े फैसले ले सकता है जैसा वह ठीक समझे क्योंकि हर इंसान का यह पूर्ण अधिकार है।
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