World No Tobacco Day 2019: हर साल दुनियाभर में 31 मई को 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य कारण है स्मोकिंग करने से होने वाली बीमारियों को लेकर जागरुकता फैलाना। साल 1987 से लगातार इस दिवस का आयोजन हो रहा है। इस दिन सरकारी और गैर-सरकारी संगठन जागरूकता फैलाने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सिगरेट हम बड़ी ही शान से पीते है, लेकिन इसके ऐसे नुकसानों के बारें में नहीं जानते होगे। जो कि आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकती है। जानें सिगरेट पीने से होने वाले नुकसान के बारें में।
सिगरेट या बीड़ी के धुएं में सबसे हानिकारक रसायनों में से कुछ निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, फॉर्मलाडीहाइड, आर्सेनिक, अमोनिया, सीसा, बेंजीन, ब्यूटेन, कैडमियम, हेक्सामाइन, टोल्यूनि आदि हैं। ये रसायन स्मोकिंग करने वालों और उनके आसपास वालों के लिए हानिकारक होते हैं।
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पड़ सकता है प्रजन्न क्षमत में असर
एक शोध में ये बात सामने आई कि धूम्रपान, भ्रूण के विकास में पुरुष के शुक्राणुओं और कोशिकाओं की संख्या को नुकसान पहुंचाते हैं। महिलाओं के द्वारा धूम्रपान करने से गर्भस्राव या जन्म देने वाले बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है। इसके अलावा धूम्रपान से ओवुलेशन समस्याएं हो सकती है।
कैंसर
स्मोकिंग करने से सबसे ज्यादा फेफड़ों के कैंसर की संभावना होती है। एक शोध के अनुसार तम्बाकू धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के खतरे के बीच एक मजबूत संबंध है। यहीं नहीं स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा फेफड़े का कैंसर होने का खतरा रहता है।
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तेजी से उम्र बढाएं
स्मोकिंग करने से आपकी स्किन पर समय से पहले ही सूजन, फाइन लाइन, उम्र से पहले स्पॉट्स के साथ-साथ झुर्रियां पड़ जाती है। इसका कारण है सिगरेट में पाया जाने वाला निकेटिन रक्त वाहिकाओं को कम कर देता है। यानी की स्किन के बाहरी परतों पर खून की कमी होने लगती है।
सांस लेने में समस्या
स्मोकिंग करने से श्वसन में कमी, खांसी और कफ उत्पादन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकतीं हैं। इसके अलावा, धूम्रपान में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड खून में प्रवेश करता है और आपकी ऑक्सीजन-क्षमता को सीमित करता है। इससे कफ को बढ़ाता है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
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हार्ट संबंधी रोग का खतरा
सिगरेट में निकोटिन सहिक कई विषैले पदार्थ पाए जाते है। जो कि हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी कई समस्या हो सकती है। जिसके कारण बोल्ने की शक्ति, सुनने की क्षमता, आंशिक अंधापन की समस्या हो सकती है। धूम्रपान ना करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में स्ट्रोक होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है।
डायबिटीज का खतरा
इसमें पाया जाने वाला ग्लूकोज आपके चयापचय को बी बिगाड़ देता है। जो कि टाइम 2 डायबिटीज का कारण बनता है। दरअसल धुएं में आर्सेनिक, फार्मलाडिहाइड और अमोनिया शामिल हैं। ये रसायन खून में शामिल होकर आंखों के नाजुक ऊतकों तक पहुंच जाते हैं जिससे रेटिना कोशिकाओं की संरचना को नुकसान होता है।
अल्जाइमर का खतरा
धूम्रपान करने वाले दोनों पुरुष और महिलाओं में डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग होने की संभावना अधिक होती है। इसमें मानसिक पतन का अनुभव भी कर सकते हैं। सिगरेट में मौजूद निकोटीन मस्तिष्क के लिए हानिकारक है और डिमेंशिया या अल्जाइमर रोग की शुरूआत को बढ़ाता है।