Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. हेल्थ
  4. World No Tobacco Day: भारत के इस राज्य में रोजाना तंबाकू के कारण हो रही हैं 350 मौतें

World No Tobacco Day: भारत के इस राज्य में रोजाना तंबाकू के कारण हो रही हैं 350 मौतें

पूरी दुनिया गुरुवार (31 मई) को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाएगी और इससे दूर रहने की जगह-जगह नसीहत दी जाएगी, क्योंकि तंबाकू बीमारियों की जड़ है। मध्य प्रदेश में हर रोज 348 लोग तंबाकू जनित बीमारियों से अपनी जिंदगी गंवा देते हैं।

Reported by: IANS
Published on: May 31, 2018 12:29 IST
World No Tobacco Day- India TV Hindi
World No Tobacco Day

हेल्थ डेस्क:  पूरी दुनिया गुरुवार (31 मई) को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाएगी और इससे दूर रहने की जगह-जगह नसीहत दी जाएगी, क्योंकि तंबाकू बीमारियों की जड़ है। मध्य प्रदेश में हर रोज 348 लोग तंबाकू जनित बीमारियों से अपनी जिंदगी गंवा देते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तंबाकू व धूम्रपान के अन्य उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौतों की रोकथाम को ध्यान में रखकर इस वर्ष की थीम 'टोबेको और कार्डियो वेस्कुलर डिसीज (तंबाकू और हृदय रोग )' रखी है।

आंकड़े बताते हैं कि देशभर में करीब 2739 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के कारण कैंसर व अन्य बीमारियों से हर रोज दम तोड़ देते हैं। वहीं मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा करीब 348 है।

वायस ऑफ टोबेको विक्टिम्स (वीओटीवी) के पैट्रन व कैंसर सर्जन डॉ़ टी़पी़ साहू ने आईएएनएस को बताया कि 'दुनिया में कार्डियो-वेस्कुलर से होने वाली मौत और अक्षमता की रोकथाम के लिए तंबाकू पर रोक सबसे कारगर है। धूम्रपान से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है साथ ही तंबाकू का धुआं रहित रूप भी समान रूप से हानिकारक है।

उन्होंने बताया कि 'ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण' (जीएटीएस-दो) 2016-17 के अनुसार, भारत में धुआं रहित तंबाकू का सेवन धूम्रपान से कहीं अधिक है। वर्तमान में 42.4 फीसदी पुरुष, 14.2 फीसदी महिलाएं और सभी वयस्कों में 28.8 फीसदी धूम्रपान करते हैं या फिर धुआं रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं।

आंकड़ों के मुताबिक इस समय 19 फीसदी पुरुष, 2 फीसदी महिलाएं और 10.7 फीसदी वयस्क धूम्रपान करते हैं, जबकि 29.6 फीसदी पुरुष, 12.8 फीसदी महिलाएं और 21.4 फीसदी वयस्क धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं। 19.9 करोड़ लोग धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं जिनकी संख्या सिगरेट या बीड़ी का उपयोग करने वाले 10 करोड़ लोगों से कहीं अधिक हैं।

संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्टी संजय सेठ ने बताया कि मध्यप्रदेश के गैट्स-दो सर्वे 2016-17 के अनुसार वर्तमान में 50.2 फीसदी पुरुष, 17.3 फीसदी महिलाएं और 34.2 फीसदी कुल वयस्कों में धूम्रपान या धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करने का प्रचलन है। आंकड़ों के मुताबिक, 19 फीसदी पुरुष, 0.8 फीसदी महिलाएं और 10.2 फीसदी कुल वयस्क तम्बाकू धूम्रपान करते हैं, जबकि 38.7 फीसदी पुरुष, 16.8 फीसदी महिलाएं और 28.1 फीसदी कुल वयस्क वर्तमान में धुआं रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं।

टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के प्रोफेसर डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में शरीर के किसी भी हिस्से को हानिकारक प्रभाव से नहीं बचाता। यहां तक कि धुआं रहित तंबाकू प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भी इसी तरह के दुष्प्रभाव का कारण बनता है। हमारे शरीर के अंगों को सीधे नुकसान पहुंचाने के अलावा, धुआं रहित तम्बाकू का उपभोग करने से दिल के दौरे से मरने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

उन्होंने बताया कि सभी कार्डियो वेस्कुलर (सीवी) रोगों में लगभग 10 फीसदी का कारण तम्बाकू का उपयोग है। भारत में सीवी रोग की बड़ी संख्या को देखते हुए, इसका दुष्प्रभाव बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि जब सरकारें स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की स्थापना के लिए बड़े पैमाने पर बजट खर्च कर रही हैं, उन्हें रोकथाम की रणनीतियों पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जिनमें तम्बाकू उपयोग में कमी करना प्रमुख है।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement