World Mosquito Day 2019: हमारे आसपास मौजूद हर छोटा सा छोटा जीव कई जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है। ऐसे ही मच्छर एक ऐसा छोटा जीव है जो कि कई खतरनाक बीमारियों के जन्म दे सकता है। जानें इस बीमारियों के बारे में और कैसे पाएं मच्छरों से निजात। हर साल पूरे विश्व में 20 अगस्त के दिन विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता हैं। आप सोच रहे होंगे भला मच्छरों को याद करने का दिन क्यों मनाया जाता है। तो आपको बता दें इस दिन पेशेवर चिकित्सक सर रोनाल्ड रास ने वर्ष 1896 में यह खोज की थी कि व्यक्ति में मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के लिए जिम्मेदार मादा मच्छर है।
डेंगू
डेंगू मच्छरों के कारण होता है। इस बीमारी में सही समय में डॉक्टर को नहीं दिखाया तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। यह 'मादा इजिप्टी' मच्छर के काटने से फैलता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं।
जापानी इंसेफेलाइटिस
यह मच्छर धान (चावल) के खेतों में पनपता है। यह मच्छर जापानी एनसिफेलिटिस वारस से संक्रमित हो जाता है। यह एक प्रकार का दिमागी बुखार होता है। यह बीमारी मच्छरों के अलावा सुअर से फैलती है। यह हमेशा गंदगी वाली जगह पर ही फैलता है। यह एक बार शरीर के संपर्क में आते ही सीधे दिमाग में चला जाता है।
चिकनगुनिया
यह बीमारी मादा मच्छरों के काटने से फैलता है। काटने के 4 से 6 दिनों में ही इसके लक्षण सामने आते है। यह घर से ज्यादा बाहर काटते है। इन दिनों देशभर में चिकनगुनिया का प्रकोप फैला हुआ है।
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जीका वायरस
यह मचछर भी चिकगुनिया, डेंगू की तरह ही मच्छरों से फैलती है। जो कि 'एडीज' नामक मच्छर होता है। यह एक ऐसा मच्छर होता है। जो किसी संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है, जिसके खून में वायरस मौजूद है, तो यह किसी अन्य व्क्ति को काटकर वायरस आसानी से फैला सकता है।
मलेरिया
मलेरिया आज के समय में एक आम रोग बन गया है। यह परजीवी मादा मच्छर 'एनॉफिलीज' के काटने से फैलता है, साथ ही इसके होने के कुछ अन्य कारण भी हैं। दरअसल प्लाज्मोडियम नामक परजीवी मादा मच्छर एनॉफिलीज के शरीर के अंदर पलता है। यह परजीवी मादा मच्छर एनॉफिलीज के काटने से फैलता है। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है, तब रोग का परजीवी रक्तप्रवाह के जरिए आपके यकृत तक पहुंचकर अपनी संख्या को बढ़ाने लगता है। जिसके कारण रेड ब्लड सेल्स पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है। चूंकि मलेरिया के परजीवी रेड ब्लड सेल्स में पाए जाते हैं, इसलिए ये मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति द्वारा ब्लड ट्रासफ्यूजन के जरिए दूसरे व्यक्ति में भी संप्रेषित हो सकते हैं।
ऐसे करें मच्छरों से खुद का बचाव
- मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें। इसके साथ ही हल्के रंग के कपड़े पहनें
- जितना हो सकें उतना मच्छरों की रोकथाम करें, क्योंकि जीका वायरस इन्हीं से फैलते है।
- घर में कही भी पानी का स्टोर न करें। जैसे कि टायर, टंकी, बाल्टी, कूलर आदि, क्योंकि मच्छर साफ पानी में भी प्रजनन कर देते है।