10 अक्टूबर को हर साल दुनिया भर में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। देखा जाए तो शरीर को स्वस्थ रखने की जंग में आमतौर पर लोग मेंटल हैल्थ को नजरंदाज कर देते हैं। जबकि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। ऐसे दौर में जब तनाव और प्रतिस्पर्धा के चलते मानसिक बीमरियां और चिंताएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं, मेंटल हैल्थ को लेकर जागरुकता बरतनी जरूरी है। इस साल वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे का थीम है- 'सुइसाइड प्रिवेंशन यानी आत्महत्या की रोकथाम'।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में हर 40 सेकेंड के अंदर एक व्यक्ति सुसाइड कर लेता है। इसका सबसे बड़ा कारण मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता की कमी है। डिप्रेशन, ऐंग्जाइटी जैसी बीमारियां सुसाइड करने के लिए प्रेरित करती है औऱ विडंबना ये है कि इन्हेंं बीमारी मानने को कोई तैयार ही नहीं है।
एक रिसर्च के अनुसार मानसिक बीमारियां 35 साल से कम उम्र के युवाओं में सबसे ज्यादा देखी गई है। इन बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है। बस लोगों के इसके प्रति थोड़ा सचेत रहना होगा।
अगर डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते तो खुद पहल करें और जानें आप कैसे अपनी मेंटल हेल्थ को ठीक रख सकते हैं।
त्वचा को जवां रखना है तो प्लास्टिक छोड़िए बांस की बोतल में पानी पीजिए, दिल भी रहेगा फिट
मानसिक बीमारी के लक्षण
डॉक्टर्स के अनुसार अगर इसके संकेतों को समय में पहचान लिया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।
- याददाश्त का कमजोर हो जाना
- डर लगना
- अवसाद
- डेली रुटीन जैसे नहाना, खाना पीना आदि एक टास्क सरीखे लगते हैं।
- लोगों से दूरी बना लेना।
- आपको यह बात याद न होना कि आखिरी बार खुश कब हुए थे।
- दिमाग में सुसाइड का ख्याल आना।
ब्रेन स्ट्रोक पड़ने के ये हैं लक्षण, भूल से भी न करें अनदेखा
ऐसे रखें मानसिक स्वास्थ्य को ठीक
मानसिक बीमारियां कई कारणों से हो सकती है जैसे पैसों से जुड़ी समस्या, ऐेंग्जाइटी, डिप्रेशन, परिवारिक तनाव आदि। जानें इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।
- रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- अच्छी डाइट लेना शुरू करें जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन्स, फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, हेल्दी फैट आदि हो।
- साल में एक बार मेंटल हेल्थ चेकअप जरूर कराएं। यह जरूरी नहीं है कि जब आप बीमार पड़े तभी आप डॉक्टर की ओर रूख करें।
- फिजिकल एक्टिविटीज बहुत ही जरूरी हैं। इसे आप थोड़ा समय निकालकर जरूर करें।
- रोजाना प्रणायाम करें। आप भ्रमरी प्रणायाम, म् का उच्चारण, ऊं का उच्चारण आदि कर सकते है। इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा।