World Malaria Day 2019: हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य होता है कि इस घातक बीमारी से लोगों को जागरुक करना। यह मुख्यतौर पर एशिय़ा, अमेरिका, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट के लोगों को अपना शिकार बनाती है। लेकिन अब ये भारत में भी तेजी से फैल रही हैं।
हर साल मलेरिया डे का आयोजन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) करता है और इसका उद्देश्य इसके इलाज, बचाव और अंतिम तौर पर इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए किए जा रहे वैश्विक प्रयासों को रेखांकित करना है।
विश्व मलेरिया दिवस 2019 की थीम
इस साल की थीम है- ‘जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विद मी’ यानी मलेरिया को शून्य स्तर पर ले जाने की शुरुआत स्वयं से। यह मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में सतत सहयोग, निवेश और प्रतिबद्धता की ओर ध्यान खींचता है।
ये भी पढ़ें- 30 साल की कोशिशों के बाद अफ्रीका में लॉन्च हुआ दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन
क्या है मलेरिया?
मलेरिया मादा मच्छर एनॉफिलीज के काटने से फैलता है। जिसकी खोज चिकित्सक सर रोनाल्ड रास ने की थी। ये मच्छर आमतौर पर दिन में शाम के समय एक्टिव होते हैं। दरअसल मादा मच्छर एनॉफिलीज के शरीर के अंदर प्लाज्मोडियम नामक परजीवी पलता है। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है, तब रोग का परजीवी रक्तप्रवाह के जरिये लिवर में पहुंचकर अपनी संख्या को बढ़ाने लगता है। यह स्थिति लाल रक्त कोशिकाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
ये भी पढ़ें- Ovarian Cancer: जानें ओवेरियन कैंसर के लक्षण, कारण के साथ-साथ ट्रिटमेंट के बारें में सबकुछ
दुनियाभर के सिर्फ 4% मलेरिया रोगी अब भारत में हैं। दुनियाभर में मलेरिया रोगियों की संख्या में 2010 के बाद से सतत गिरावट आई है।
मलेरिया के लक्षण
सिर में तेज दर्द, उल्टी होना या जी मचलना, हाथ पैरों खासकर जोड़ों में दर्द होना, शरीर में खून की कमी होना, कमजोरी और थकान महसून होना , आंखों की पुतलियों का रंग पीला होना, तेज बुखार, पसीना निकलने पर बुखार कम होना आदि हैं।
मलेरिया से बचाव
मलेरिया की रोकथाम के लिए मलेरिया मच्छर घर में एकत्र ताजे पानी में पनपते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आपके घर और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न हो। मच्छर चक्र को पूरा होने में 7-12 दिन लगते हैं। इसलिए, यदि पानी स्टोर करने वाला कोई भी बर्तन या कंटेनर सप्ताह में एक बार ठीक से साफ नहीं किया जाता है तो उसमें मच्छर अंडे दे सकते हैं।"
मच्छर मनी प्लांट के पॉट में या छत पर पानी के टैंकों में अंडे दे सकते हैं। यदि वे ठीक तरह से ढंके न हों तो खतरा है। यदि छत पर रखे पक्षियों के पानी के बर्तन हर हफ्ते साफ नहीं होते हैं, तो मच्छर उनमें अंडे दे सकते हैं। रात में मच्छरदानी, या मच्छर भगाने की क्रीम का उपयोग मलेरिया को रोक नहीं सकता क्योंकि ये मच्छर दिन के दौरान काटते हैं। मलेरिया के मच्छर आवाज नहीं करते हैं। इसलिए, जो मच्छर ध्वनि उत्पन्न नहीं करते हैं, वे बीमारियों का कारण बनते हैं।"परफॉर्मेंस मुझे बहुत अच्छी लगी थी, तो मैंने उसे बताया कि यह फिल्म कितनी अच्छी थी। इस पर रणवीर सिंह ने चुटकी ली और कहा कि तुम्हें फिल्म अच्छी लगी मतलब रैपर पैदा होगा। इस पर मैंने उससे कहा, होगा या होगी ये तो पता नहीं।'
मलेरिया का इलाज
इसका भारत में अभी कोई एंटी-मलेरिया दवा नहीं है। लेकिन हाल में ही अफ्रीका के मलावा में 30 साल की मेहनत के बाद मलेरिया वैक्सीन बनाने में सफल हुए है।