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World Kidney Day: हर साल दुनियाभर में 6 लाख महिलाएं किडनी रोग के कारण गंवा रहीं जान, जानें इसके लक्षण

 World Kidney Day: पुरूषों के मुकाबले महिलाओं को किडनी की बीमारी ज्यादा होती है और हर वर्ष तकरीबन छह लाख महिलाएं इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा देती हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: March 14, 2019 10:43 IST
world kidney day 2019- India TV Hindi
world kidney day 2019

हेल्थ डेस्क: महिला दिवस पर महिलाओं की तमाम उपलब्धियों और उनके सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण के बारे में बात करने वालों के लिए यह तथ्य परेशान करने वाला हो सकता है कि पुरूषों के मुकाबले महिलाओं को किडनी की बीमारी ज्यादा होती है और हर वर्ष तकरीबन छह लाख महिलाएं इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा देती हैं।

हमारा शरीर अपने आप में एक अनूठी मशीन है, जिसका हर पुर्जा अपने हिस्से का काम बिना रूके करता रहता है, लेकिन अगर किसी तरह की लापरवाही हो तो बीमारी अपना सिर उठाने लगती है और एक हिस्से की बीमारी दूसरे अंगों पर भी असर डालती है। किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है और इसके प्रति लापरवाही जानलेवा हो सकती है। हाल के वर्षों में खान पान और दिनचर्या में बदलाव के चलते दुनियाभर में किडनी की बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

मेडिकल साइंस में क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के नाम से पुकारे जाने वाले रोग का मतलब किडनी का काम करना बंद कर देना होता है। इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मार्च के दूसरे गुरुवार को“वर्ल्ड किडनी डे ” मनाया जाता है। साल 2019 के “वर्ल्ड किडनी डे ” का थीम “ किडनी हेल्थ फॉर एवरी वन,एवरी वेयर ” है। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के आसपास आने वाले इस दिन पर महिलाओं को इस रोग के बारे में विशेष रूप से जागरूक किए जाने की जरूरत है। (World Kideny Day: अगर आपको शरीर में दिखें ये बदलाव, तो समझ लें कि आपकी किडनी हो गई है खराब)

महिलाएं किडनी संबंधी समस्या है ज्यादा शिकार

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डाक्टर राजेश अग्रवाल के अनुसार देश में औसतन 14 प्रतिशत महिलाएं और 12 प्रतिशत पुरूष किडनी की समस्या से पीड़ित हैं और पूरे विश्व में 19.5 करोड़ महिलाएं किडनी की समस्या से पीड़ित है। भारत में भी यह संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है, यहां हर साल 2 लाख लोग इस रोग की चपेट में आते हैं। शुरूआती अवस्था में बीमारी को पकड़ पाना मुश्किल होता है, क्योंकि दोनों किडनी 60 प्रतिशत खराब होने के बाद ही मरीज़ को इसका पता चल पाता है। (Worst Foods For Your Heart: आपके दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकते है ये फूड्स, बनाएं इनसे दूरी)

क्या होता है किडनी?
उन्होंने बताया कि किडनी या गुर्दा ‘राजमा’ की शक्ल जैसा अंग है, जो पेट के दायें और बायें भाग में पीछे की तरफ स्थित होता है। किडनी ख़राब होने पर शरीर में खून साफ नहीं हो पाता और क्रिएटनिन बढ़ने लगता है। यदि दोनों किडनी अपना कार्य करने में सक्षम नहीं हों, तो उसे आम भाषा में किडनी फेल हो जाना कहते है।

क्या है किडनी का काम?
नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, गुरूग्राम में कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डाक्टर सुदीप सिंह के अनुसार खून को साफ़ कर ब्लड सर्कुलेशन में मदद करने वाले गुर्दे कई कारणों से खराब हो सकते हैं। इनमें खानपान की खराब आदतों के अलावा नियमित रूप से दर्दनिवारक दवाओं का सेवन भी एक बड़ी वजह हो सकता है।

धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी डाक्टर सुमन लता ने कहा , ‘‘ इस वर्ल्ड किडनी डे” हम डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर या लम्बे समय से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों से अपनी किडनी को स्वस्थ रखने की अपील करते हैं। यूरीन टेस्ट के साथ केएफटी जैसे सरल परीक्षण किडनी की जांच का सस्ता और सुविधाजनक तरीका है। इसमें लापरवाही न बरतें। ”

किडनी के लक्षण
उन्होंने बताया कि आमतौर पर मूत्र मार्ग में संक्रमण और गर्भावस्था की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण महिलाओं में किडनी रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। रोग के शुरूआती लक्षणों में लगातार उल्टी आना,भूख नहीं लगना, थकान और कमज़ोरी महसूस होना,पेशाब की मात्रा कम होना, खुज़ली की समस्या होना, नींद नहीं आना और मांसपेशियों में खिंचाव होना प्रमुख हैं।

उन्होंने बताया कि किडनी फेल होना दुनियाभर में महिलाओं की मौत का आठवां बड़ा कारण है। नियमित जांच कराने से रोग की शुरूआत में ही इसका पता चल जाता है और दवा से इसे ठीक करना संभव हो पाता है, लेकिन यदि समय रहते इसके बारे में पता न चले तो खून को साफ करने के लिए डायलिसिस की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है या फिर किडनी बदलवानी पड़ती है , जो एक लंबी, खर्चीली और कष्टकारी प्रक्रिया है जो हर जगह उपलब्ध भी नहीं है।

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