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World Health Day 2018: कुछ दिन पहले ही शरीर में दिखने लगती हैं डायबिटीज के लक्षण, ऐसे करें खुद का बचाव

वर्ल्ड हेल्थ डे 2018: डायबिटीज को लेकर अक्सर एक बात कही जाती है कि यह बीमारी आपके शरीर को धीरे-धीरे अंदर से कमजोर कर देती है। अगर इस बीमारी के भंयकर रूप को देखें तो यह देखते-देखते आपके शरीर को इतना कमजोर कर देती है जिसकी वजह से कोई भी बड़ी बीमारी आपके शरीर को अपना शिकार बना ले। जानिए इसके लक्षण और बचाव के कारण कारण

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : April 07, 2018 6:36 IST
डायबिटीज
डायबिटीज

हेल्थ डेस्क: आज पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। जिसमें हर कोई बीमारी को लेकर जागरुक होगा। इसी चलते आज हम बात करेंगे डायबिचीज के बारें में। डायबिटीज को लेकर अक्सर एक बात कही जाती है कि यह बीमारी आपके शरीर को धीरे-धीरे अंदर से कमजोर कर देती है। अगर इस बीमारी के भंयकर रूप को देखें तो यह देखते-देखते आपके शरीर को इतना कमजोर कर देती है जिसकी वजह से कोई भी बड़ी बीमारी आपके शरीर को अपना शिकार बना ले।

आपको बता दें कि मधुमेह मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है, जिसमें व्यक्ति के खून में ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का लेवल नॉर्मल से अधिक हो जाता है। ऐसा तब होता है, जब शरीर में इंसुलिन ठीक से न बने या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया न दें। जिन मरीजों का ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है वे अक्सर पॉलीयूरिया (बार-बार पेशाब आना) से परेशान रहते हैं। उन्हें प्यास (पॉलीडिप्सिया) और भूख (पॉलिफेजिया) ज्यादा लगती है।

जेपी अस्पताल में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के चिकित्सक डॉ। मनोज कुमार के अनुसार, टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता। मधुमेह के तकरीबन 10 फीसदी मामले इसी प्रकार के होते हैं। जबकि टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। दुनिया भर में मधुमेह के 90 फीसदी मामले इसी प्रकार के हैं। मधुमेह का तीसरा प्रकार है गैस्टेशनल मधुमेह, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होता है।

मधुमेह के कारण:-

लाइफस्‍टाइल: गतिहीन जीवनशैली, अधिक मात्रा में जंक फूड, फिजी पेय पदार्थो का सेवन और खाने-पीने की गलत आदतें मधुमेह का कारण बन सकती हैं। घंटों तक लगातार बैठे रहने से भी मधुमेह की संभावना बढ़ती है।

सामान्य से अधिक वजन, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता: अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय न हो अथवा मोटापे का शिकार हो, उसका वजन सामान्य से अधिक हो तो भी मधुमेह की सम्भावना बढ़ जाती है। ज्यादा वजन इंसुलिन के निर्माण में बाधा पैदा करता है। शरीर में वसा की लोकेशन भी इसे प्रभावित करती है।

पेट पर अधिक वसा का जमाव होने से इंसुलिन उत्पादन में बाधा आती है, जिसका परिणाम टाइप 2 डायबिटीज, दिल एवं रक्त वाहिकाओं की बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है। ऐसे में व्यक्ति को अपने बीएमआई (शरीर वजन सूचकांक) पर निगरानी बनाए रखते हुए अपने वजन पर नियन्त्रण रखना चाहिए।

जीन एवं पारिवारिक इतिहास: कुछ विशेष जीन मधुमेह की सम्भावना बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों के परिवार में मधुमेह का इतिहास होता है, उनमें इस रोग की सम्भावना अधिक होती है।

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