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World Health Day 2018: ये हैं दुनिया की 5 ऐसी बीमारी जिसके बारे जानकर कांप जाएगी आपकी रूह

आज वर्ल्ड हेल्थ डे का दूसरा दिन है और आज के दिन आपको बताते हैं कैसे आप अपने आपको स्वस्थ्य और खुश रख सकते हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 07, 2018 11:30 IST
World Health Day- India TV Hindi
World Health Day

हेल्थ डेस्क: आज वर्ल्ड हेल्थ डे का दूसरा दिन है और आज के दिन आपको बताते हैं कैसे आप अपने आपको स्वस्थ्य और खुश रख सकते हैं। बेहतर स्वास्थ्य के प्रति दुनियाभर के लोगों को जागरूक करने के मकसद से WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) की तरफ से वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है।

आपको बता दें कि इस दिन की शुरुआत 1948 में हुई थी और पिछले 60 साल से हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है। सेहत के प्रति जागरूक होने के लिए जरूरी है कि हम उन बीमारियों के बारे में जानें जिससे दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं। WHO के मुताबिक ये हैं दुनिया की 10 सबसे घातक बीमारियां जिनकी चपेट में आकर हर साल सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है.... 

कोरोनरी आर्टरी डिजीज (दिल की बीमारी) 

इस वक्त दुनिया की सबसे घातक बीमारी कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) है जिसकी वजह से साल 2015 में दुनियाभर में 88 लाख लोगों की मौत हुई थी। दुनियाभर के 15.5 प्रतिशत लोगों की मौत के पीछे यही बीमारी जिम्मेदार है। साल 2000 में जहां इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 60 लाख थी वहीं 2015 में यह बढ़कर 88 लाख हो गई। CAD उस परिस्थिति को कहते हैं जब हृदय तक खून पहुंचाने वाली रक्त नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं जिस वजह से चेस्ट पेन और हार्ट फेल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

CAD से जुड़े रिस्क फैक्टर्स 
हाई ब्लड प्रेशर, हाई कलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, CAD की फैमिली हिस्ट्री, डायबीटीज और मोटापा 

बचाव के तरीके 
नियमित व्यायाम, संतुलित वजन, बैलेंस्ड डायट का सेवन, फल और सब्जियां ज्यादा खाएं, स्मोकिंग करने से बचें, संतुलित मात्रा में शराब का सेवन 

ब्रेन स्ट्रोक 
सबसे घातक बीमारियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है स्ट्रोक जिसकी वजह से साल 2015 में 62 लाख लोगों की मौत हुई थी और दुनियाभर में हुई मौतों में 11.1 प्रतिशत मौतें इसी बीमारी की वजह से हुई। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क की कोई धमनी या तो ब्लॉक हो जाती है या फिर लीक होने लगती है। ऐसे में ब्रेन सेल्स को ऑक्सिजन नहीं मिलता और महज कुछ मिनटों में मरीज ब्रेन डेड हो जाता है। स्ट्रोक के दौरान मरीज अचानक संवेदनशून्य हो जाता है, उसे देखने और चलने में दिक्कत होने लगती है। 

रिस्क फैक्टर्स
हाई बीपी, स्ट्रोक की फैमिली हिस्ट्री, धूम्रपान (साथ में गर्भनिरोधक गोलियां ले रहीं हों तो खतरा ज्यादा), महिलाओं में खतरा ज्यादा 

बचाव के तरीके 
लाइफस्टाइल में करें बदलाव, बीपी को रखें कंट्रोल में, नियमित रूप से एक्सर्साइज करें, हेल्दी डायट का सेवन करें। 

लोअर रेस्परेट्री इंफेक्शन (श्वास संबंधी संक्रमण) 
श्वास संबंधी इंफेक्शन की वजह से साल 2015 में 32 लाख लोगों की मौत हो गई थी और दुनियाभर में हुई कुल मौतों में इस बीमारी से होने वाली मौत का प्रतिशत 5.7 है। हालांकि साल 200 से तुलना करें तो इस बीमारी में कमी आयी है। साल 2000 में जहां रेस्परेट्री इंफेक्शन से 34 लाख लोगों की मौत हुई थी वहीं 2015 में यह संख्या घटकर 32 लाख हो गई। लोअर रेस्परेट्री इंफेक्शन हमारे शरीर के वायु-मार्ग और फेफड़ों को प्रभावित करता है जिसकी वजह से फ्लू, निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस और टीबी तक हो सकता है। 

रिस्क फैक्टर्स 
फ्लू, हवा की खराब क्वॉलिटी, धूम्रपान, कमजोर इम्यून सिस्टम, अस्थमा, एचआईवी 

बचाव के तरीके 
हर साल फ्लू वैक्सीन लें, नियमित रूप से हाथों को साबुन-पानी से धोएं (खासकर खाने से पहले), अगर इंफेक्शन हो जाए तो घर पर रहकर आराम करें। 

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