World Asthma Day 2019: अस्थमा फेफड़ों की एक बीमारी है जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई होती है। अस्थमा होने पर श्वास नलियों में सूजन आ जाती है जिस कारण श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ये बीमारी सबसे ज्यादा होती है। जिसका सबसे बड़ा कारण धूल रेस्पिरेटरी है। जानिए क्या है ये बीमारी, कारण, लक्षण के बारें में।
क्या है अस्थमा?
यह एक फेफड़ों की बीमारी है। जिसमें सांस लेने में समस्या होती है। इसका कारण है श्वास नलियों में सूजन हो जाना। जिसके कारण श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। जिसके कारण मरीज को सांस लेने में समस्या, सांस लेते समय आवाज आना, खांसी आदि प्रॉब्लम होती है।
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अस्थमा के टाइप
अस्थमा लक्षणों के आधार पर 2 तरह का होता है। आंतरिक और बाहरी अस्थमा।
आंतरिक अस्थमा
आंतरिक अस्थमा कुछ रासायनिक तत्वों को श्वसन द्वारा शरीर में प्रवेश होने से होता है जैसे कि सिगरेट का धुआं, पेंट वेपर्स आदि।
बाहरी अस्थमा
बाहरी अस्थमा बाहरी एलर्जन के प्रति एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है, जो कि पराग, जानवरों, धूल जैसे बाहरी एलर्जिक चीजों के कारण होता है।
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अस्थमा होने का कारण
- वाहनों से निकलने वाला धुआं
- सर्दी
- फ्लू
- पेट पर अधिक अम्ल की मात्रा
- शराब का अधिक सेवन
- एलर्जी वाले फूड्स का सेवन
- अधिक एक्सरसाइज
- मौसम के कारण
अस्थमा के लक्षण
- ठंडी हवा में सांस लेने से हालत गंभीर होना।
- एक्सरसाइज अधिक करने से
- कई बार उल्टी होना।
- बलगम वाली खांसी या सूखी खांसी।
- सीने में जकड़न जैसा महसूस होना।
- सांस लेने में समस्या।
- सांस लेते समय आवाज आना।
ऐसे करें खुद का बचाव
वैसे तो अस्थमा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। किसी प्रकार के लक्षण महसूस होने पर तुरन्त सम्पर्क करें। अस्थमा को नियंत्रित करने में दवा का नियमित सेवन जरूरी है। इसके अलावा इंहेलर थेरेपी सही ढंग से लेना भी जरूरी है। अस्थमा के लिए इंहेलर्स सबसे अच्छी दवा है। इंहेलर्स से दवा सीधे फेफड़ों में पहुंचती है, जिससे पीड़ित को आराम महसूस होता है। यह सीरप के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद है।