हेल्थ डेस्क: खराब लाइफ स्टाइल के कारण कई बीमारियों उम्र से पहले ही हमें हो जाती है। जिसके करण हम काफी परेशान रहते है। ऐसी ही एक बीमारी है अर्थराइटिस यानी कि गठिया रोग। जो कि बढ़ती उम्र के साथ इसका खतरा बढ़ जाता है। आज की बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खानपान के कारण अर्थराइटिस यानी गठिया रोग युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है।
अर्थराइटिस का सर्वाधिक प्रभाव घुटनों में और उसके बाद कूल्हों की हड्डियों में दिखाई देता है। ऐसे में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों को इस रोग के प्रति और अधिक सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि डेंगू और चिकनगुनिया के करीब 20 प्रतिशत मरीजों को रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया) की आशंका होती है।
क्या है अर्थराइटिस
इस बीमारी के होने का मुख्य कारण है शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता होना। जब यूरिक एसिड शरीर में अधिक हो जाता है तो वह शरीर के जोड़ो में छोटे-छोटे क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है इसी कारण जोड़ो में दर्द और ऐंठन होती है। इस बीमारी में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और उसमें दर्द होता है, इसलिए इसे गठिया कहते हैं।
अर्थराइटिस कई तरह की होती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस, गाउट, सिरॉइसिस अर्थराइटिस, ऑस्टियोअर्थराइटिस इनमें से प्रमुख मानी जाती है, लेकिन जोड़ों में दर्द हमेशा अर्थराइटिस नहीं होता। कई बार जोड़ों को अधिक दबाव पड़ने या किसी अंदरूनी चोट के कारण भी ऐसा दर्द हो सकता है।
इन लक्षणों से आसानी से जानें कि आपको अर्थराइटिस तो नहीं है। जिससे आप समय रहते अपना इलाज करा सकते।
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