हेल्थ डेस्क: एड्स एक ऐसी महामारी है। जिसका नाम सुनतके ही हमारे हाथ-पैर सुन्न हो जाते है। जिस व्यक्ति ये बीमारी होते है। वह अपनी नेचुरल एनर्जी खो देता है। इसीलिए इससे जागरुक करने और महामारी से बचाने के लिए 1 दिसबंर को विश्व एड्स दिवस के रुप में मनाया जाता है।
यह एक ऐसी बीमारी है जो कि लाइलाज मानी जाती थी, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इसकी वैक्सीन निकाल ली है। यह वैक्सीन अब भी बहुत से लोगों से दूर है। जिसके कारण हर साल कई लाख लोग इस बीमारी से अपनी जान गवां देते है।
एक रिर्पोट के अनुसार 1981 से 2012 तक दुनिया भर में करीब 36 मिलियन लोग इसके शिकार होने के बाद जान गवां चुके है। हम हमेशा इस बात को मानते चले आ रहे है कि एड्स सबसे ज्यादा सेक्स वर्कर्स से फैलता है, लेकिन ये सच नहीं है। कई और भी लोग है। जिनमें एड्स सबसे ज्यादा पाया जाता है। जानिए सबसे ज्यादा किन लोगों को होता है एड्स।
वर्ल्ड बैंक(worldbank.org) के अनुासर 2012 में सर्वे हुआ । जिलमें ये बात निकल कर सामने आई कि 2.61 प्रतिशत महिला सेक्स वर्कर्स को एड्स हुआ, वहीं जो पुरुष इनसे सेक्स करते है। उनकी सख्या 5.01 प्रतिशत थी। नशीली दवाए लगाने वालों में 5.91 प्रतिशत एड्स और सबसे ज्यादा एड्स ट्रांसजेंडर्स को हुआ। जिनकी संख्या 19.80 प्रतिशत थी।
एड्स बीमारी के लिए एचआईवी पॉजिटिव होना जरुरी नहीं
कई लोग ऐसे होते है। जो कि एचआईवी पॉजिटिव होने का मतलब एड्स समझ लेते है। जब कि ऐसा नहीं है। HIV में पॉजिटिव होना AIDS नहीं है। HIV यानी कि ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस ऐसा वायरस है जिसकी वजह से एड्स होता है। जिस व्यक्ति में इस वायरस की मौजूदगी होती है, उसे एचआईवी पॉजिटिव कहते हैं।
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