कोलकाता: विश्व हृदय दिवस से एक दिन पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने आज कहा कि भारतीय महिलाओं में दिल की बीमारियां अनदेखी रह जाती हैं और उनका इलाज नहीं होता। दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने एक बयान में कहा, इस साल विश्व हृदय दिवस पर डब्ल्यूएचओ विभिन्न देशों से महिलाओं में हृदय संबंधी रोगों को कम करने की दिशा में काम करने का आह्वान भी कर रहा है। महिलाओं में दिल की बीमारियां बड़ी स्वास्थ्य समस्या है और इनका पता नहीं चलता और इलाज नहीं हो पाता।
पूनम ने कहा कि दिल की बीमारियों के लिए जोखिम वाले कारणों में तंबाकू का सेवन, अधिक वजन और मोटापा, अल्कोहल का अधिक इस्तेमाल और शारीरिक निष्कि्रयता जैसे जीवनशैली से जुड़े कारक शामिल हैं। इसके अलावा दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में महिलाओं में भोजन पकाने में ठोस ईंधन के इस्तेमाल से होने वाले वायु प्रदूषण से दिल की बीमारियों का खतरा गंभीर रूप से बढ़ जाता है।
महिलाओं में हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य सुविधा प्रदाताओं से महिलाओं में दिल की बीमारियों का खतरा पहचानने और संभालने में सावधानी बरतने की अपील की।
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