क्या ना करें
डॉ. रागिनी अग्रवाल ने बताया कि एक कप को कोई एक ही इस्तेमाल करे। हर इस्तेमाल के बाद इसे अच्छे से साफ करें. इसे गरम पानी से धोकर साफ किया जा सकता है। आपको बता दें कि एक महिला द्वारा पूरे मेंस्ट्रुअल पीरियड के दौरान इस्तेमाल किए गए सैनेटरी नैपकिन्स से करीब 125 किलो नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरा बनता है।
2011 में हुई एक रिचर्स के मुताबिक भारत में हर महीने 9000 टन मेंस्ट्रुअल वेस्ट उत्पन्न होता है, जो सबसे ज़्यादा सैनेटरी नैपकिन्स से आता है। इतना नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरा हर महीने जमीनों के अंदर धसा जा रहा है जिससे पर्यावरण को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचता है।