आपने कई बार देखा होगा कि बड़े बड़े दफ्तरों में जहां फीमेल स्टाफ ठंड की शिकायत करता है वहीं मेल स्टॉफ को AC की ठंडक से कोई शिकायत नहीं होती। क्यों दफ्तरों में औरतों को ज्यादा ठंड लगती है,इतनी किवो गर्मियों में भी शॉल और कंबल लिए दफ्तर में घूमती नजर आती है।
आप कहेंगे ये वही औरतें हैं जो दिसंबर की ठिठुराने वाली सर्दी में शादी पार्टियों में बिना गर्म कपड़े पहने घूमती हैं लेकिन दफ्तरों की ठंड इनसे झेली नहीं जाती। लेकिन इसके पीछे की वजह को मजाक नहीं कहा जा सकता क्योंकि ये मजाक का विषय भी नहीं है।
दरअसल इसके कुछ स्वास्थ्य से जुड़े कारण हैं। जो औऱतें ऑफिस वर्क करती हैं, उन्हें ज्यादा ठंड लगती है। सीट पर बैठने या केवल घूमने फिरने वाला काम या कंप्यूटर वर्क करने वाली औऱतों को ज्यादा ठंड लगती है। दरअसल उनका बॉडी मूवमेंट कम होता है तो उनका मेटाबोलिक रेट पुरुषों की तुलना में 35 फीसदी कम हो जाता है। मेटाबोलिक रेट घटने के कारण औऱतों के शरीर में गर्मी कम पैदा होती है जिसके चलते उन्हें ज्यादा ठंड लगने लगती है।
डाइटिंग
हर दूसरी महिला कहती मिलेगी कि मैं डाइटिंग पर हूं। दरअसल ऑफिस वर्क करने वाली औरतें खुद को स्लिम ट्रिम रखने के लिए डाइटिंग करते हुए कम भोजन करती हैं। उनका मानना है कि चूंकि वो शारीरिक श्रम कम करती हैं इसलिए उन्हें कम खाना चाहिए। लेकिन ये कम खाना भी ज्यादा ठंड लगने का कारण है। भूखे रहने पर ठंड ज्यादा लगती है क्योंकि नियमित तौर पर भोजन लेने से शरीर में चयापचय की क्रिया बढ़ती है और उस क्रिया से निकली गर्मी शरीर को गर्म रखती है।पीरियड्स भी हैं कारण
पीरियड्स भी ऑफिस में ठंड करने का एक बड़ा कारण है। दरअसल पीरियड्स से पहले शरीर के तापमान में कमी आती है और पीरियड्स के दौरान जब शरीर में आयरन की कमी होती है तो इसकी वजह से शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं कम हो जाती है जिससे ठंड लगने लगती है। आपने देखा होगा कि कमजोर आदमी को भी ज्यादा ठंड लगती है जबकि मोटे लोगों को गर्मी ज्यादा लगती है।
शादियों में कहां चली जाती है ये सर्दी
आप शायद नहीं जानते कि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा अधिक वसा जमा रहती है। यानी बॉडी फेट अधिक होता है जो जरूरत के समय पिघल कर उन्हें गर्मी प्रदान करता है। सर्दियों में यही बॉडी फैट उनके शरीर में गरमाहट बनाये रखने में मदद करता है और वो कम कर्म कपड़ों में अपने को स्टाइलिश दिखा पाती हैं।