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जो बच्चे रोजाना गाय का दूध पीते हैं उन्हें फास्टिंग इंसुलिन बनने की संभावना कम रहती है

अगर आपका बच्चा मोटापाग्रस्त है तो हर रोज दिन में दो बार गाय के दूध पीने से कम फास्टिंग इंसुलिन के बनने की संभावना रहती है। यह बेहतर ब्लड शुगर नियंत्रण का संकेत देता है। ब्लड शुगर मेटाबोलिक (उपापचय) सिंड्रोम के खतरे का कारक होता है। 

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : May 26, 2018 12:46 IST
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हेल्थ डेस्क: अगर आपका बच्चा मोटापाग्रस्त है तो हर रोज दिन में दो बार गाय के दूध पीने से कम फास्टिंग इंसुलिन के बनने की संभावना रहती है। यह बेहतर ब्लड शुगर नियंत्रण का संकेत देता है। ब्लड शुगर मेटाबोलिक (उपापचय) सिंड्रोम के खतरे का कारक होता है।

मेटाबोलिक सिंड्रोम पांच स्थितियों में से कम से कम तीन की मौजूदगी से परिभाषित किया जाता है। इसमें मधुमेह, दिल की बीमारियां व स्ट्रोक, उच्च रक्त चाप, ब्लड शुगर का उच्च स्तर या ट्राईग्लिसराइड, अत्यधिक पेट की वसा व कम कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने का खतरा होता है।

इस शोध से पता चलता है कि जिन बच्चों ने हर दिन एक कप से कम दूध पीया, उनमें दिन में दो कप दूध या इससे कम पीने वालों की तुलना में फास्टिंग इंसुलिन का स्तर ज्यादा रहा। अमेरिका के टेक्सास हेल्थ साइंस सेंटर के माइकल याफी ने कहा, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि सिफारिश के अनुसार दूध पीने वाले मोटापाग्रस्त बच्चों में शुगर का नियंत्रण अनुकूल रहा और यह मेटाबोलिक सिंड्रोम के खिलाफ रक्षा करने में मददगार साबित हो सकता है।"

इस शोध के लिए दल ने 353 मोटापाग्रस्त बच्चों का अध्ययन किया। इनकी आयु तीन से 18 साल रही और इनके रोजाना के दूध सेवन का रिकॉर्ड रखा गया। इसमें दूध के प्रकार, शुगर लेने व फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज व इंसुलिन संवेदनशीलता शामिल थीं।

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