हेल्थ डेस्क: प्रेग्नेंसी के वक्त हर औरत के लिए सबसे जरूरी चीज यह है कि वह अपना ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखे। आप सोच रहे होंगे कि हेल्दी खाना और दौड़-भाग कम करने से ही सब ठीक रहेगा तो आप इस बात को दिमाग से निकाल ले। क्योंकि सिर्फ दौड़-भाग कम करने से ही नहीं बल्कि आपको अपने हेल्थ के साथ-साथ अपने दातों की भी खास ख्याल रखने की जरूरत है।
अमेरिका में एक महिला ने मरे हुए बच्चे को जन्म दिया। जब डॉक्टरों ने जांच की तो बच्चे के खून में बैक्टेरिया पाए गए। वही कीटाणु उस महिला के मुंह में भी मौजूद थे। चौंका देने वाली यह घटना साल 2010 में पहली बार सामने आई थी। हालांकि, आज भी कम ही लोग यह बात जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान खान-पान और दवाईयों के साथ साथ मुंह का ख्याल रखना कितना अहम होता है, खासकर शुरुआती तीन महीनों में।
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं को दांतों और मसूड़ों से संबंधित परेशानियां हो जाती हैं। जिन्हें गर्भधारण से पहले ऐसी कोई बीमारी होती है, उनकी परेशानी प्रेग्नेंसी के दौरान गंभीर हो जाती है। मेडिकल भाषा में इसे प्रेग्रेंसी जिन्जवाइटिस कहा जाता है।
मसूड़ों में सूजन, खून निकलना, मुंह की बदबू, पाइरिया और लार न बनने की समस्या से गर्भवती महिलाओं को दो-चार होना पड़ता है। अगर मुंह की साफ-सफाई ठीक से ना की जाए, तो उसमें मौजूद रोगाणु खाने या लार के साथ महिला के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इनकी वजह से गर्भ में बच्चे की हिफाजत करने वाले एमनियोटिक फ्लूइड को नुकसान पहुंच सकता है।
मुंह के कीटाणुओं की वजह से एमनियोटिक फ्लूइड नष्ट हो सकता है। इससे गर्भ में शिशु के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में प्रीमैच्योर डिलिवरी की संभावना बढ़ जाती है। कुछ मामलों में तो मरा हुआ बच्चा पैदा होता है या जन्म के कुछ वक्त के भीतर ही उसकी मौत हो जाती है।
यही वजह है कि गर्भधारण से पहले ही महिलाओं के डेंटिस्ट से चेकअप कराने की सलाह दी जाती है। अगर आपको कोई ओरल बीमारी है तो उसका इलाज कराने के बाद ही फैमिली प्लान करें। प्रेग्नेंसी के दौरान दांतों का विशेष ध्यान देना भी जरूरी है। फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल, दिन में दो बार ब्रश करना और बीच-बीच में कुल्ला करते रहना बहुत जरूरी है।