कहते हैं आराम बड़ी चीज़ है, मुंह ढक के सोइये लेकिन ज़रुरी नहीं कि मुंह ढकने से नींद आ ही जाए क्योंकि लंबी और गहरी नींद सब के नसीब में नहीं होती यानी सभी के लिए 7-9 घंटे की नींद संभव नहीं होती। और अगर नींद न आए तो शरीर तो थका थका रहता ही है साथ ही कई बीमारियां भी होने लगती हैं। अक़्सर लोग एक बार में भरपूर नींद नहीं ले पाने की वजह से टुकड़ों में नींद पूरी करने की कोशिश करते हैं लेकिन ये भी ख़तरनाक साबित हो सकता है।
टुकड़ों में सोने की बजाय एक साथ लंबी नींद लेनी चाहिये और इसके लिए एक निश्चित दिनचर्या बनाकर उसका पालन करना चाहिये।
बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं कि टुकड़ों में नींद लेने के क्या गंभीर परिणाम होतो हैं।
62 लोगों पर हुआ शोध
अमेरिका के जॉन हॉपकिंस युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में बिना रुकावट की लंबी नींद और कम समय के लिए टुकड़ों में ली जाने वाली नींद का तुलनात्मक अध्ययन किया है। इस शोध में 62 पुरुष एवं महिलाओं को शामिल किया गया और उन्हें 3 दिनों तक एक प्रयोगशाला में रखा गया। इनमें से कुछ लोगों को बीच-बीच में बार-बार जगाया गया।
वैज्ञानिकों ने इस शोध में पाया कि पहली रात के बाद दोनों ही समूहों के लोगों को थकान थी। बाद की रातों में टुकड़ों में सोने वाले समूह की अपेक्षा देर रात के बाद शांति से सोने वाले समूह के लोगों का मूड 30 प्रतिशत बेहतर था। यह भी पता चला कि टुकड़ों में सोने वाले लोग अगले दिन ज्यादा थके और सुस्त दिखाई दिए।
अच्छी नींद की कमी होती है ख़तरनाक
एक अन्य शोध के अनुसार जो लोग दिन में 6 घंटे की नींद लेते हैं उन्हें रोज़ाना सात घंटे नींद लेने वालों की अपेक्षा बीमारी का ख़तरा चार गुना ज़्यादा रहता है।
भूलने की बीमारी
कम नींद लेने का प्रभाव दिमाग़ पर पड़ता है और दिमाग़ सही तरीके से काम नहीं करता है। इसकी वजह से पढ़ने, सीखने व निर्णय करने से संबंधित समस्याएं और भावनात्मक कमज़ोरियां भी पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।
मर्दानगी पर असर
टुकड़ों में नींद लेने और कम नींद लेने का असर पुरुषों की मर्दानगी पर पड़ता है। लगातार कम नींद लेने से पुरुषों के वीर्य में कमी या खराब गुणवत्ता के वीर्य जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
भूख अधिक लगना
टुकड़ों में नींद लेने से मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है। कम नींद लेने के कारण हार्मोन में असंतुलन भी होता है जिसके कारण अधिक भूख लगती है। इसके कारण ही अच्छी नींद न लेने वाले लोगों को पेट भरने का आभास देर से होता है।