वर्ल्ड लीवर डे 2018: 19 मार्च को पूरी दुनिया में world liver day मनाया जाता है। लिवर के प्रति जागरुक होने के रुप में इसे मनाया जाता है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार कुछ सालों से लीवर संबंधी कई समस्याएं तेजी से उबर रही है। जिसके कारण इसके प्रति थोड़ा सजग होना जरुरी है।
हमारे शरीर का जो सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण भाग होता है। वह है लीवर। यह हमारे शरीर के पाचन तंत्र को ठीक रखने के साथ-साथ पित्त का उत्पादन, खून की सफाई और मल त्याग करने में मदद करता है। आप सोचे अगर ये काम करना बंद कर दे तो आपका क्या होगा।
कई बार होता है कि इतनी सारी प्रक्रिया के कारण इसके टिश्यूज खराब हो जाते है। जिसके कारण लीवर संबंधी कई समस्याएं हो जाती है। जैसे कि लीवर कैंसर, लीवर एबसेस, फैटी लीवर और लीवर सोरोसिस। आज हम बात करेंगे लीवर सोरोसिस के बारें में। जानिए क्या है ये, लक्षण और कारण और बचने के उपायों के बारें में।
क्या है लीवर सिरोसिस
आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि लीवर सोरोसिस कैंसर के बाद सबसे खतरनाक बीमारी है। आखिरी स्टेज में इससे बचने का एक ही ऑप्शन है। वो है लीवर टांसप्लांट। ये रोग तब होता है। जब आपके लीवर की टिशूज यानि कि कोशिकाएं नष्ट हो जाती है और उनकी जगह फाइबर तंतु ले लेते है। साथ ही लीवर आकार असामान्य हो जाता है। ऐसी स्थिति में पोर्टल हाइपरटेंशन पैदा हो जाता है।
लीवर सोरोसिस के स्टेज
सोरोसिस के 3 स्टेज होते है। जानिए स्टेज के हिसाब से लक्षण।
पहली स्टेज
इस स्टेज में आपको अधिक थकान, लगातार वजन कम होना।
पांचन संबंधी समस्या।
दूसरी स्टेज
- उल्टियां होना।
- भूख न लगना।
- भुखार आना।
- चक्कर आना।
अंतिम स्टेज
- इस स्टेज में खून की उल्टियां होना। मामूली चोट लगने पर भी खून न बंद होना।
- बेहोशी जैसी समस्या होना।
- इस अवस्था में दवाएं कोई भी असर नहीं करती है। इसमें आपको टांसप्लांट कराना ही होगा।
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