इस शोध के सदस्य फ्रैंक हू ने स्पष्ट किया है कि यह शोध त्रुतिपूर्ण है और इन निष्कर्षो की वजह से मौजूदा स्वास्थ्य आहार के दिशा-निर्देशों की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए।
इस शोध के लिए प्रतिभागियों के आहार का आकलन किया गया था। इस दौरान शोधार्थियों को कुछ हैरान करने वाले नतीजे मिले। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इस जिज्ञासु अध्ययन को समझने में अधिक शोध की जरूरत है, जिसे कुछ हद तक ओहियो युनिवर्सिटी में पिछले माह हुए शोध ने समर्थन दिया है।
ओहियो ने अपने एक शोध में देखा था कि मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम ऑलिव के तेल से नहीं, बल्कि अंगूर के बीजों से बने तेल और अन्य तेलों से कम हुआ था। इसमें लिनोलेनिक अम्ल की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर में हृदय रोग के जोखिम बढ़ाने वाले वसा को कम करता है।
ओहियो युनिवर्सिटी से इस शोध की नेतृत्वकर्ता मार्था बेलुरी ने बताया, "यहां समस्या यह है कि वनस्पति तेल काफी बदल चुके हैं। अब इनमें लीनोलेनिक अम्ल की उच्च मात्रा नहीं मिलती है।"
उन्होंने बताया, "इस शोध के निष्कर्षो को जानने के बाद हम हैरान रह गए थे।"
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