हेल्थ डेस्क: स्वीडन की यूमिया यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने स्मार्टफोन के जरिए काम के इंफेक्शन का पता लगाने का एक नया तरीका निकाला है। इस शोध के बारें में शोधकर्ताओ का कहना है कि कई विकासशील देशों में आज भी स्वास्थ्य से संबंधी बेहतर सुविधाएं नहीं हैं। यहां के लोग भी अपनी हेल्थ पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। अक्सर कान की छोटी-मोटी समस्या को इग्नोर कर दिया है और कान के इंफेक्शन का पता चलने तक बात काफी बढ़ चुकी होती है।
शोधकर्ताओं ने मुख्य तौर पर कान के अंदर के बीच वाले हिस्से की सूजन और जलन का पता लगाने का तरीका ढूंढ निकालने पर फोकस किया, क्योंकि हर साल दुनियाभर की आबादी के करीब 50 करोड़ बच्चे इसका सामना करते हैं। इनके अनुसार अगर कान के इंफेक्शन का समय से इलाज नहीं किया गया, तो इससे व्यक्ति बहरा हो सकता है। इसलिए इस बीमारी के बारें में पता लगाने के लिए ओटाइटिस मीडिया नामक एक इमेज-प्रोसेसिंग टेकनीक डेवलप की है।
क्लाउड सॉफ्टवेयर बेस्ड इस सिस्टम में ऑटोस्कोप (कान की जांच करने का इंस्ट्रूमेंट) के जरिए कान के पर्दे और अंदर के हिस्से की जांच की कई तस्वीरों का डेटा मौजूद है। स्मार्टफोन के जरिए ली गई तस्वीरों को इसी डेटा से मैच कर यह सॉफ्टवेयर कान की सेहत का हाल बताएगा। इबियोमेडिसिन में पब्लिश एक जर्नल में इसकी एक्यूरेसि को 80.6 % सही बताया गया है। माना जा रहा है कि यह तकनीक मार्केट में आने से सस्ता और आरामदायक हो जाएगा।