सर्द मौसम में शीत लहर ने पूरे उत्तर भारत को अपने कब्जे में ले लिया है, ऐसे में डॉक्टर लोगों को सर्दी से बचने और खुद को गर्म रखने की सलाह दे रहे हैं। एम्स के एक वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर अमरिंदर माल्ही ने कहा, "ज्यादातर मरीज अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई), लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एलआरटीआई), उच्च तनाव, स्ट्रॉक और म्योकार्डियल इंफेक्शन की शिकायत लेकर आ रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "इन बीमारियों से अगर बचना है तो खुद को गर्म रखना काफी महत्वपूर्ण है। लोगों को प्रतिदिन चार से पांच गिलास गर्म पानी पीना चाहिए। पारंपरिक हीटर के बजाय तेल वाले हीटर का प्रयोग करें, क्योंकि पारंपरिक हीटर वातावरण को शुष्क कर देते हैं। लेकिन प्रमुख तौर पर अपने शरीर को ऊंनी कपड़े, दस्ताने, टॉपी, मोजे आदि से ही गर्म रखें।"
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माल्ही के अनुसार, शीत लहर से प्रभावित यहां आने वाले लोग ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं। उन्होंने कहा, "हमारे ज्यादातर मरीज उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के हैं, उनमें बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गो की संख्या अधिक है।"
वहीं ठंड से बढ़ते मरीजों की संख्या देखते हुए अस्पताल के प्रबंधन को लेकर डॉक्टर ने कहा, "हमने अस्पताल में अतिरिक्त कंबल, बिस्तर और हीटर का प्रबंध किया है, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो।"
वहीं मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शीत लहर का यह दौर कुछ और समय के लिए जारी रह सकता है।
इस पर भारत आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि ने कहा, "यह लंबी अवधि वाला अलग तरह की ठंड है, जिससे पूरा उत्तर भारत प्रभावित है।"
उन्होंने आगे कहा, "आम तौर पर कोई अत्यधिक ठंड की अवधि पांच से छह दिनों की होती है, लेकिन इस साल 13 दिसंबर से तापमान लगातार निम्नतम है, जो असाधारण है।"