हेल्थ डेस्क: एड्स का नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप जाती है, सोचिए जिसका नाम ही इतना खौफनाक है वो रोग जिसको होता है वो कितनी दहशत में जीता होगा। इसे यौन संचारित रोगों में सबसे खतरनाक माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकडों के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा मौंते होती है, तो वह एचआईवी संक्रमण की वजह से होती है।
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कई लोगों का मानना है कि अगर एचआईवी पॉजीटिव निकला तो वह एड्स से ग्रसित है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। जानिए ऐसे ही कुछ एड्स संबंधी तथ्यों के बारें में। जिनके बारें में बहुत ही कम लोगों को पता है।
एचआईवी क्या है, जानिए
एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी वायरस हमारे इम्यून सिस्टम पर असर डालता है। इसके कारण शरीर किसी अन्य रोग के संक्रमण को रोकने की क्षमता खोने लगता है। वहीं एड्स एचआईवी संक्रमण का अगला चरण माना जाता है। शरीर का बैक्टीरिया वायरस से मुकाबला करने की क्षमता खोने लगता है। जिससे शरीर बीमारियों की चपेट में आने लगता है। शरीर प्रतिरोधक क्षमता आठ-दस सालों में ही न्यूनतम हो जाती है। इस स्थिति को ही एड्स कहा जाता है। एड्स वायरस को रेट्रोवायरस कहा जाता है
इस बीमारी के कारण सबसे ज्यादा मौंते
विश्वभर में सबसे ज्यादा मौंते एड्स के कारण होती है। एक अनुमान के अनुसार लगभग तीन करोड़ 60 लाख लोगों को मौत एड्स के कारण होती है।
विश्वभर में इस बीमारी से तीन करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में लभभग 35.3 मिलियन यानी कि करीब साढ़े तीन करोड़ लोग एचआईवी से संक्रमित हैं। इनमें से करीब 21 लाख लोगों की उम्र 10 से 19 वर्ष के बीच है। एक अनुमान के अनुसार साल 2012 में करीब 23 लाख नये लोगों को एचआईवी संक्रमण हुआ।
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