हेल्थ डेस्क: हम सोचते है कि डिप्रेशन केवल बड़ो को ही होता है उन्हें ही दुनियाभर की टेंशन होती है। जिसके कारण वह डिप्रेशन में चले जाते है। अगर आप ऐसा सोचते है तो आपनी सोच को थोड़ा सा बदले क्योंकि इस बीमारी के शिकार बच्चे भी अधिक मात्रा में हो रहे है। बच्चे अगर डिप्रेशन में हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव उनके ऊपर अधिक पड़ता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके बच्चों में डिप्रेशन के असर को पहचानें और उसे उससे जितनी जल्दी हो सके बाहर निकालें। बच्चों में डिप्रेशन सबसे अधिक पढ़ाई के कारण होता है, इसके अलावा पीयर डिप्रेशन और लोगों के नकारात्मक व्यवहार के कारण डिप्रेशन होता है।
बच्चों और बड़ों में डिप्रेशन के लक्षण लगभग सामान्य ही हैं। डिप्रेशन का असर सबसे पहले बच्चे के व्यवहार पर दिखेगा, और उसका व्यवहार और बात करने का तरीका बदल जायेगा। बच्चा खेलने में रुचि नहीं लेगा और अधिक रोयेगा, बच्चा अधिक बोलने के बजाय चुप रहना शुरू कर देगा। वह तेज से चिल्लाना भी शुरू कर देगा। अगर आपके बच्चे में ऐसे लक्षण दिखें तो दवा देने से पहले बच्चे को मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास ले जायें। कई बार बिना दवा के यानी मानसिक थेरेपी से भी बच्चा ठीक हो जाता है। इसी के चलते डिप्रेशन से शिकार लोगों को खुश करने के लिए मॉडर्न स्कूल वसंत विहार दिल्ली की क्लास 12 की छात्रा से एक अनोखा कदम उठाया।
हस्नल नाम की इस छात्रा ने ग्रेटर नोएडा के ग्रैंड वेनिस मॉल में ऐसे पेटिंग की प्रदर्शनी लगाई जो कि डिप्रेशन से संबंधित थी। इतना ही नहीं इसमें प्राप्त धनराशि को अनाथ और आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों को दिया जाएगा।
हस्नल ने पेंटिंग व मॉडल के माध्यम से डिप्रेशन का शिकार बच्चों के मानसिक पीड़ा को दर्शाया गया है, साथ ही कला व पेंटिंग के अनोखे गठजोड़ से डिप्रेशन से बाहर निकलने के तरीकों को समझाया गया है।
प्रदर्शनी खत्म होने के बाद प्रदर्शनी में लगी पेंटिंग्स की बिक्री कर प्राप्त पूरे धन को डिप्रेशन का शिकार बच्चों, अनाथ बच्चों व अर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की कला को प्रोत्साहित करने के लिए दान किया जायेगा ।
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